भारत में कोरोना की तीसरी लहर आएगी या नहीं, जानिए क्‍या बोले ICMR विशेषज्ञ

नई दिल्‍ली. भारत में कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है. वहीं कोविड वैक्‍सीनेशन की रफ्तार बढ़ने से देश 100 करोड़ वैक्‍सीन लगाने के आंकड़े के काफी करीब भी पहुंच गया है. ऐसे में मार्च के बाद आई कोरोना की दूसरी लहर के बाद विशेषज्ञों की ओर से दी गई तीसरी लहर की चेतावनी को लेकर लोग कुछ राहत मिलने की उम्‍मीद कर रहे हैं. हालांकि कुछ विशेषज्ञों की ओर से यह भी कहा गया है कि भारत में त्‍यौहारों पर मेल-जोल बढ़ने के कारण कोरोना की तीसरी लहर आगे बढ़ सकती है और वह अक्‍टूबर-नवंबर में अपना प्रकोप दिखा सकती है.

देश में कोरोना के अगले कदम को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के विशेषज्ञ और कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एन के अरोड़ा से बात की. जिसमें उन्‍होंने कहा कि देश में कोरोना महामारी के मरीजों के कम होते आंकड़े काफी सुखद हैं लेकिन चूंकि पूरी तरह मामले कम नहीं हुए हैं तो कोरोना के वापस लौटने या नई लहर के रूप में आने का डर अभी खत्‍म नहीं हो सकता.

डॉ. अरोड़ा कहते हैं कि जहां तक कोरोना की तीसरी लहर की बात है तो अब ऐसा अनुमान है कि तीसरी लहर या तो नहीं आएगी या फिर आएगी भी तो वह काफी हल्‍की होगी. दूसरी लहर के मुकाबले उसका नुकसान न के बराबर होगा. वे कहते हैं कि इसके पीछे कई वजहें हैं. पहली वजह यह है कि भारत में टीकाकरण का आंकड़ा 100 करोड़ के पार पहुंचने में बस 10 -12 दिन का समय और लगेगा. जिसमें बड़ी आबादी या कहें कि करीब 75 करोड़ लोग कोविड वैक्‍सीन की पहली डोज ले चुके होंगे जो कि बीमारी की गंभीरता से बचाने में कारगर है.

वे कहते हैं कि वैक्‍सीनेशन अब लगातार बढ़ना ही है. सरकार भी 100 करोड़ के बाद 150 करोड़ और फिर 180 करोड़ डोज लगाने की दिशा में काम कर रही है. वहीं कोरोना का कोई नया वेरिएंट भी पिछले कुछ दिनों में नहीं देखा गया है. ज्‍यादा खतरनाक वेरिएंट के रूप में सामने डेल्‍टा ही आया है और उससे खतरनाक अभी कोई वेरिएंट नहीं है. इसके लिए जो भी मरीज सामने आ रहे हैं कई जगहों पर उनकी जीनोम सीक्‍वेंसिंग की जा रही है ताकि म्‍यूटेशन और नए वेरिएंट का पता लगाया जा सके. ऐसे में उम्‍मीद है कि अब तीसरी लहर न देखने को मिले.

हालांकि तीसरी लहर को लेकर पूरी तरह निश्चिंत होने से पहले लोगों को यह देखना है कि अभी तक हमारी करीब 30 फीसदी आबादी ऐसी है जिसे या तो कोरोना नहीं हुआ है या वैक्‍सीन नहीं लगी है. ऐसे में किसी भी प्रकार कोरोना के प्रति सावधानी बरते जाने की अभी भी जरूरत है. अभी भी लोगों को कोविड अनुरूप व्‍यवहार करना चाहिए. हाथों को सैनिटाइज करने और मास्‍क पहनने की प्रक्रिया में लापरवाही नहीं करनी चाहिए. वहीं सार्वजनिक सभाओं या जगहों पर जाने में सावधानी की जरूरत है. अगर इसी प्रकार दिसंबर तक लोग सावधान रहे तो कोविड के खतरे से बाहर हो चुके होंगे.

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