वॉट्सऐप तो कहता है आपकी बातें कोई नहीं देख-सुन रहा है, फिर कैसे आर्यन से लेकर रिया तक की चैट लीक हो जाती है?

शाहरुख खान के बेटे आर्यन शनिवार को जेल से बाहर आ गए। उनकी जमानत में कई बातें रोड़ा बनीं इनमें उनकी लीक वॉट्सऐप चैट भी थी। इससे पहले भी रिया चक्रवर्ती से लेकर अर्नब गोस्वामी तक की चैट लीक के मामले सामने आ चुके हैं।

एक तरफ वॉट्सऐप ये दावा करता है उसके चैट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं। मैसेज भेजने और रिसीव करने वाले के अलावा उसे कोई नहीं यहां तक कि वॉट्सऐप भी नहीं पढ़ सकता। वहीं, दूसरी तरफ हर कंट्रोवर्सी में इस ऐप से किए मैसेज लीक हो जाते हैं। चाहे, आर्यन खान का मामला हो चाहे रिया चक्रवर्ती या फिर पेगासस का मामला, हर बार इस तरह के लीक हुए।

एंड-टू-एंड इन्क्रिप्शन होता क्या है? ये लीक कैसे हो जाता है? वॉट्सऐप लीक से जुड़े बड़े मामले कौन से हैं? आइये जानते हैं…

वॉट्सऐप पर चैट कितना सेफ है?

डेटा सिक्योरिटी एक्सपर्ट कहते हैं कि वॉट्सऐप ही नहीं टेलीग्राम, सिग्नल और iमैसेज जैसे मैसेजिंग ऐप की चैट लीक हो सकती है। हालांकि, इन सभी प्लेटफॉर्म पर मैसेज एंड-टू-एंड इंक्रिप्टेड होते हैं। जब इन्हें भेजे जाता है तो कोई तीसरा नहीं पढ़ सकता है।

एंड-टु-एंड इन्क्रिप्शन होता क्या है?

वॉट्सऐप तो अपने लगभग हर ऐड में एंड-टु-एंड एन्क्रिप्शन का दावा करता है। यानी आपने ने जो मैसेज भेजा वो वॉट्सऐप के सर्वर से सीधे रिसीवर के पास जाते हैं। बीच में इन्हें कोई देखता या सुनता नहीं है। चाहे वो टेक्स्ट हो, वीडियो, वायस मैसेज, डॉक्यूमेंट या फोटो हो, वॉट्सऐप कहता है कि आपका मैसेज एक लॉक के जरिए सिक्योर रहता है। केवल सेंडर और रिसीवर के पास मैसेज अनलॉक करने और उन्हें पढ़ने-देखने की स्पेशल की होती है। ये सब ऑटोमैटेकली होता है। इसके लिए यूजर को किसी स्पेशल सेटिंग की जरूरत नहीं होती है।

फिर ये लीक कैसे हो जाते हैं?

ज्यादातर मामलों में लीक मैसेज चैट के स्क्रीन शॉट होते हैं। जिसे रिसीवर या कोई अन्य जिसे दो लोगों की कन्वर्शेसन मिली होती है वो किसी और से शेयर करता है। वॉट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में इसे ‘थर्ड-पार्टी इंफॉर्मेशन’ नाम के सबहेड में रखा है। जहां तक आर्यन खान या रिया चक्रवर्ती जैसे हाल के मामलों की बात है तो इनमें जांच अधिकारियों को मैसेज पढ़ने के लिए इन लोगों के फोन मिले थे।

हालांकि, अगर कोई चाहे तो फोन से डिलीट किए गए वॉट्सऐप चैट को भी एक्सेस किया जा सकता है। कई ऐसे टेक बैकडोर हैं जिनसे आपके प्राइवेट चैट को हैकर्स एक्सेस कर सकते हैं।

किसी फोन की क्लोनिंग के जरिए उस फोन के सभी कंटेंट की कॉपी बनाई जा सकती है। इसके जरिए क्लोनर उस फोन के सारे डेटा को देख पढ़ सकता है। इसी के जरिए उस फोन में बिना इस्तेमाल करने वाले को पता चले स्पाइवेयर भी डाले जा सकते हैं। जैसे पेगासस मामले में आरोप लग रहे हैं। पेगासस स्पाइवेयर के जरिए इसे डेवलप करने वाली इजराइली कंपनी फोन के सभी वॉट्सऐप चैट को पढ़ लेती है।

वॉट्सऐप चैट एक्सेस करने का सबसे कॉमन तरीका चैट्स के बैकअप होते हैं। जिन्हें वॉट्सऐप क्लाउड पर स्टोर करता है। हालांकि, वॉट्सऐप के पास क्लाउड फैसेलिटी नहीं है। ये मैसेज गूगल ड्राइव और आई-क्लाउड जैसे थर्ड पार्टी क्लाउड पर सेव होते हैं। क्लाउड पर स्टोर मैसेज एनक्रिप्टेड नहीं होते हैं। ऐसे में अगर यूजर का क्लाउड स्टोरेज हैक होता है तो हैकर बैकअप से चैट एक्सेस कर सकता है।

क्या चैट बैकअप को बंद कर सकते हैं?

हां ऐसे हो सकता है। इसके लिए आप वॉट्सऐप के सेटिंग्स में जाकर चैट बैकअप ऑप्शन को डिसेबल कर दें। ऐसा करने से आपके क्लाउड पर चैट सेव होना बंद हो जाएंगे।

आर्यन से पहले भी किसी स्टार की ड्रग्स चैट लीक हुई है?

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले में ड्रग्स एंगल सामने आने पर NCB के हवाले से एक वॉट्सऐप चैट भी लीक होकर वायरल हुआ था। जिसमें ‘हैश’ व ‘वीड’ जैसे वर्ड का इस्तेमाल किया गया था। इस मामले में दीपिका की मैनेजर करिश्मा प्रकाश से भी NCB ने घंटों पूछताछ की थी। दीपिका को भी NCB दफ्तर बुलाकर कई घंटे पूछताछ की गई थी। हालांकि, पूछताछ में एक्ट्रेस ने कहा था कि वे बड़ी सिगरेट और छोटी सिगरेट के बारे में बात कर रहीं थीं।

इसी साल जनवरी में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी BARC के पूर्व CEO पार्थो दासगुप्ता के साथ करीब एक हजार पेज की वॉट्सऐप चैट्स लीक हुई थी। BARC वह संस्था है, जो देश के 45 हजार घरों में टीवी पर लगे बार-ओ-मीटर के जरिए हर हफ्ते बताती है कि कौन सा चैनल कितना देखा जा रहा है। इसके बाद TRP स्कैम को लेकर विवाद हुआ था।

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती की चैट लीक चर्चा में रही थी। रिया चक्रवर्ती और उनके भाई के बीच हुई वॉट्सऐप चैट में ‘बड’ नामक कोर्डवर्ड इस्तेमाल हुआ था। इसी प्रकार अभिनेता सुशांत सिंह सुसाइड केस की जांच के दौरान ‘रुपया’, ‘डॉलर’ और ‘पाउंड’ जैसे कोडवर्ड भी ड्रग्स के लिए इस्तेमाल हुए थे।

प्राइवेसी को लेकर कब-कब विवादों में रही वॉट्सऐप?

भारत सरकार ने नए IT नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों से किसी भी मैसेज के ओरिजिनेटर को बताने को कहा था। यानी सरकारी एजेंसियां सोशल मीडिया कंपनियों से जरूरत पड़ने पर मैसेज का सोर्स जान सकती थीं। वॉट्सऐप ने इस नियम को मानने से इनकार कर दिया था और इसके खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट चली गई थी। कंपनी ने तब एंड-टु-एंड इनक्रिप्शन और यूजर प्राइवेसी का हवाला दिया था।वॉट्सऐप यूजर्स पर अपनी नई पॉलिसी थोपने के लिए भी विवादों में रही है। कंपनी ने अपनी नई यूजर पॉलिसी नहीं मानने वालों के अकाउंट सर्विस कम करने का भी दावा किया था। इस यूजर पॉलिसी में फेसबुक के साथ डेटा शेयरिंग का जिक्र था। इस पॉलिसी पर खासा विवाद हुआ था।2018 में अमेरिकी सीनेट के सामने भी मार्क जुकरबर्ग कह चुके हैं कि वॉट्सऐप के मैसेज इतने प्राइवेट होते हैं कि खुद वॉट्सऐप भी उन्हें नहीं पढ़ सकती।

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