तेजप्रताप को गुस्सा क्यों आता है?

लालू के बड़े बेटे पार्टी में सम्मान चाहते हैं, ऑफिस में बड़े नेता रिसीव नहीं करते तो खलता है; इसलिए बार-बार जगदानंद पर भड़क जाते हैं

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को हिटलर बताकर लालू परिवार को असमंजस में डाल दिया है। इस पर न पार्टी के बड़े नेता बोल रहे हैं और न परिवार का कोई सदस्य। यहां तक कि जगदानंद सिंह ने भी इस पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। वहीं, उनके विरोधी इस पर चुटकी ले रहे हैं।

ऐसा नहीं है कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने पहली बार सिंह पर हमला बोला है। इससे पहले भी 5 जुलाई को उन्होंने तंज कसते हुए कहा था- “लगता है अंकल मुझसे नाराज हैं, मेरी बातों पर ताली नहीं बजाते’। 9 फरवरी को तो RJD ऑफिस में हंगामा कर उन पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप तक लगा दिया था। हालांकि, हर मौके पर लालू यादव ने डैमेज कंट्रोल किया है। भास्कर आपको बता रहा है कि हसनपुर से विधायक तेज प्रताप यादव आखिर चाहते क्या हैं? पढ़ें;

ऑफिस का गेट उनके आने से पहले खुले और नेता आवभगत करें

तेजप्रताप यादव बड़े बेटे वाला कद और सम्मान चाहते हैं। तेजस्वी के प्रदेश कार्यालय में आने से पहले दोनों गेट के ताले खुल जाते हैं। उनके आगे स्कॉर्ट पार्टी चलती है, जो उनके प्रोटोकॉल का पूरा ख्याल रखती है। तेजस्वी की गाड़ी प्रदेश कार्यालय में प्रवेश करने वाले मुख्य दरवाजे तक जाती है और उस समय कार्यालय में उपस्थित अधिसंख्य बड़े नेता उन्हें रिसीव करते हैं। तेजप्रताप आते हैं तो कभी गेट खुला रहता है तो कभी बंद रहता है। रविवार को राजद प्रदेश कार्यालय का गेट सामान्यत: नहीं खुलता है। इसलिए तेजप्रताप रविवार को आए और बंद गेट देखा तो भड़क गए। उसकी भड़ास उन्होंने छात्र राजद की बैठक को संबोधित करते हुए निकाली।

सोमवार को आकाश यादव की फोटो पर पोती गई कालिख।

उम्मीद पूरी नहीं होती तो जगदानंद पर करते रहते हैं हमले

तेजप्रताप पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र पूर्वे जैसा व्यवहार करने की वर्तमान अध्यक्ष जगदानंद से उम्मीद करते हैं। ऐसा होता नहीं है। इस कारण वो समय-समय पर भड़क जाते हैं। जबकि, जगदानंद का कद इतना ऊंचा है कि लालू यादव भी उन्हें ‘जगदा भाई कहकर संबोधित करते हैं।

दोनों बेटों में चल रहा पावर गेम

लालू प्रसाद के दोनों बेटों के अपने-अपने समर्थक हैं। तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच पावर गेम चल रहा है। छात्र राजद की बैठक के लिए बड़े- बड़े पोस्टर किसने बनवाए थे, यह तेजप्रताप यादव को मालूम न हो, ऐसा हो सकता है क्या? पहले छात्र राजद के पोस्टर में तेजस्वी की तस्वीर नहीं लगाई गई, यह भी तेज प्रताप को पहले से ही पता होगा। उधर, पोस्टर पर छात्र राजद के अध्यक्ष की कई फोटो पर कालिख पुतवा दिया गया। इसके बाद जो नया पोस्टर पार्टी कार्यालय में लगा, उसमें तेजप्रताप को जगह नहीं दी गई। नए पोस्टर में सिर्फ तेजस्वी यादव पर फोकस किया गया है।

सोमवार को राजद कार्यालय में लगे पोस्टर से तेज प्रताप यादव की तस्वीर को गायब कर दिया गया।

पार्टी में नहीं है पावर वार

RJD के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा- “पार्टी में कोई पावर वार नहीं है। सभी लोग पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। खुद तेजप्रताप यादव कहते हैं कि वे कृष्ण और तेजस्वी यादव अर्जुन हैं। बात जगदानंद सिंह पर बयान देने की है तो तेजप्रताप यादव और जगदानंद सिंह चाचा-भतीजा हैं। इसलिए, इन दोनों के बीच में किसी को नहीं पड़ना चाहिए’।

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