क्या है EVM मशीन का सच ?

बिहार विधान सभा चुनाव खत्म हो गए है और NDA ने जीत हासिल करली है। एक बार फिर नितीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। और हमेशा की तरह इस बार भी विरोधी पार्टी ने EVM का मुद्दा बहस का विषय बनाया है।

लेकिन बात यह है की EVM पर सवाल इतने क्यों उठते है ?

क्या ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है? ये भी जानना दिलचस्प होगा कि ईवीएम में वोटिंग डाटा कितने वक्त तक सुरक्षित रह सकता है? और चुनाव के बाद कहां चली जाती हैं ईवीएम ?

चाहे वो लोकसभा के चुनाव हो या फिर विधानसभा के ,हर चुनाव के बाद हारने वाली राजनैतिक पार्टी EVM धांदली का मुद्दा उठती है। फिर वो चाहे अरविन्द केजरीवाल हो या फिर बीजेपी , अपनी हार पर यह मुद्दा हर कोई उठता है। बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के तरफ से बयान आया था की EVM धांधली भी उनकी हार का एक कारण हो सकता है।

सवाल यह भी है – क्या ये मशीनें हैक की जा सकती हैं ?

चूंकि ये मशीनें किसी इंटरनेट नेटवर्क से नहीं जुड़ी होतीं लिहाजा इन्हें हैक करना संभव नहीं. हालांकि ये दावा भी किया गया कि इन मशीनों की अपनी फ्रीक्वेंसी होती हैं, जिसके जरिए इन्हें हैक किया जा सकता है, लेकिन इस तरह के दावे सही नहीं पाए गए. लेकिन एक बात कही जाती है कि मशीन को फिजिकली मैन्युपुलेट किया जा सकता है. यानी अगर किसी के हाथ में ये मशीन आ जाए, तो वो इसके नतीजों में उलटफेर कर सकता है.
ईवीएम में टैंपरिंग को लेकर अब तक कई मुकदमे कई राज्यों के हाईकोर्ट में हो चुके हैं. यहां तक कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा लेकिन सर्वोच्च अदालत ने इसे खारिज कर दिया.

वोटिंग की काउंटिंग के बाद ईवीएम को स्ट्रांग रूम में बंद करके सुरक्षित रख दिया जाता है. इसके डाटा को तब तक डिलीट नहीं किया जाता, जब तक कि इलेक्शन पीटिशन का समय होता है.

EVM से छेड़खानी संभव नहीं है क्योंकी हर एक वोट के बाद कंट्रोल यूनिट को फिर अगले वोट के लिए तैयार करना होता है. लिहाजा इन पर फटाफटा बटन दबाकर वोट करना मुश्किल है. हालांकि बिहार चुनाव के बाद से तो ईवीएम को लेकर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं महागठबंधन की तरफ से हर पार्टी यही कह रही है कि ईवीएम कि वजह से वह चुनाव हार गए हैं ईवीएम का इस्तेमाल एनडीए ने बखूबी किया है लेकिन यह सच है या झूठ इस पर बात करना काफी मुश्किल है क्योंकि अभी तक पूरी तरह से यह साबित नहीं हो पाया है कि क्या सच में ईवीएम से वोट में छेड़खानी की भी जा सकती है या नहीं …

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