क्या है तालिबान, जानिए यहां?

20 साल में 61 लाख करोड़ खर्च करने के बाद भी अमेरिका जिससे जीत न सका; उस तालिबान की पूरी कहानी

‘Afghanistan is the graveyard of Empires’ मतलब ‘अफगानिस्तान साम्राज्यों की कब्रगाह है’

सदियों पुरानी ये कहावत हर दौर में सच साबित हुई है। सिकंदर, मुगल, अंग्रेज, सोवियत यूनियन के बाद अमेरिका इसका सबसे ताजा उदाहरण है। अमेरिका ने अफगानिस्तान में 61 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं। 2300 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक मारे गए। आखिरकार उसे अफगानिस्तान छोड़ना ही पड़ा। अमेरिका को 20 साल तक छकाने और देश छोड़ने पर मजबूर करने वाले समूह का नाम है- तालिबान

एक दिन पहले यानी 15 अगस्त 2021 तक तालिबान ने राजधानी काबुल समेत पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। अफगान सेना तालिबान के साथ समझौता करने को राजी हो गई है। अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबान की सत्ता तय मानी जा रही है।

हम यहां तालिबान का इतिहास, काम करने और सोचने का तरीका, कमाई का जरिया, अमेरिका से जंग और भविष्य के एजेंडे समेत 7 पहलुओं की दास्तान पेश कर रहे हैं…

1. तालिबान कौन है?

1980 के शुरुआती दिनों की बात है। अफगानिस्तान में सोवियत यूनियन की सेना आ चुकी थी। उसी के संरक्षण में अफगान सरकार चल रही थी। कई मुजाहिदीन समूह सेना और सरकार के खिलाफ लड़ रहे थे। इन मुजाहिदीनों को अमेरिका और पाकिस्तान से मदद मिलती थी। 1989 तक सोवियत यूनियन ने अपनी सेना वापस बुला ली। इसके खिलाफ लड़ने वाले लड़ाके अब आपस में ही लड़ने लगे। ऐसा ही एक लड़ाका मुल्ला मोहम्मद उमर था। उसने कुछ पश्तून युवाओं को साथ लेकर तालिबान आंदोलन शुरू किया।

2. तालिबान काम कैसे करता है?

किसी भी देश की सरकार की तरह तालिबान भी चलता है। इसमें पूरे संगठन का एक मुखिया होता है। उसके बाद तीन डिप्टी लीडर होते हैं। इनकी एक लीडरशिप काउंसिल होती है, जिसे रहबरी शूरा कहते हैं। उसके बाद अलग-अलग विभागों के कमीशन हैं। सभी प्रांतों के लिए अलग-अलग गवर्नर और कमांडर की भी नियुक्ति की जाती है।

3. तालिबान की विचारधारा क्या है?

4. तालिबान कितना रईस है?

तालिबान अपने हिसाब-किताब का कोई ब्योरा प्रकाशित नहीं करता। उसकी सटीक कमाई और संपत्ति का पता लगाना मुश्किल है। 2016 में फोर्ब्स ने अनुमान लगाया था कि तालिबान का सालाना कारोबार 2,968 करोड़ रुपए है। रेडियो फ्री यूरोप द्वारा हासिल नाटो की गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में तालिबान का सालाना बजट करीब 11 हजार करोड़ रुपए था। आइए जानते हैं कि उसकी कमाई के प्रमुख स्रोत क्या हैं…

5. अमेरिका और तालिबान में 20 साल चली जंग

11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने अमेरिका के 4 यात्री विमानों को हाईजैक किया। इनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, 1 विमान को पेंटागन और 1 विमान अज्ञात जगह में क्रैश करा दिया गया। इस हमले में 2996 लोगों की मौत हो गई। इस हमले के पीछे अल कायदा का हाथ था। अमेरिका ओसामा बिन लादेन के खून का प्यासा हो गया। ओसामा पहले सूडान में छिपा था, उसके बाद अफगानिस्तान में पनाह ली। अमेरिका को इसकी खबर लगी तो वो अफगानिस्तान पर टूट पड़ा। उस वक्त अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था।

6. तालिबान के बढ़ते प्रभाव से कौन चिंतित है?

7. तालिबान के भविष्य का एजेंडा क्या है?

एक्सपर्ट इनपुट्सः कबीर तनेजा, फेलो, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन
ग्राफिक्सः रथिन सरकार, पुनीत श्रीवास्तव

खबरें और भी हैं…

Related Articles

Back to top button