फिर आग में झुलसा बंगाल ! दो समुदायों में झड़प, पथराव.. पुलिस पर हमला.. मंदिर तोडा ? महिला सिपाही के तो..

कोलकाता/दक्षिण 24 परगना — पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के रवींद्रनगर इलाके में बुधवार को दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा ने एक बार फिर राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस झड़प में पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हुए हैं, वहीं एक शिव मंदिर में तोड़फोड़ को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है।
दो समुदायों में झड़प, पुलिस पर हमला और आगजनी
रवींद्रनगर थाना क्षेत्र में बुधवार को दो समुदायों के बीच हुई झड़प देखते ही देखते हिंसक रूप ले गई। उपद्रवियों ने थाने के बाहर पथराव किया, टायर जलाए और एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। फिलहाल 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिसकर्मियों पर हमला, महिला अफसर भी घायल
बताया जा रहा है कि हिंसा में कई आम नागरिक घायल हुए हैं, वहीं एक महिला पुलिसकर्मी सहित कई पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए हैं। बढ़ती हिंसा को नियंत्रित करने के लिए कोलकाता पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती की गई है। प्रशासन ने इलाके में शांति बहाल करने की कोशिशें तेज कर दी हैं।
शिव मंदिर में तोड़फोड़ का आरोप, BJP ने घेरा प्रशासन
विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने बड़ा आरोप लगाया कि रवींद्रनगर थाने के पास स्थित महेशतला के वार्ड नंबर 7 में एक शिव मंदिर को निशाना बनाया गया और उसमें तोड़फोड़ की गई। उन्होंने इस घटना को लेकर पुलिस पर लापरवाही और पक्षपात का आरोप लगाया।
इंस्पेक्टर मुकुल मिया को सस्पेंड करने की मांग
शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस से रवींद्रनगर थाने के इंस्पेक्टर मुकुल मिया को तत्काल सस्पेंड करने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि हिंसा के दौरान मुकुल मिया ने जानबूझकर उपद्रवियों को संगठित होने का मौका दिया और हिंदू पक्ष को निशाना बनाया। शुभेंदु का आरोप है कि मुकुल मिया के राजनीतिक संबंध भी इस लापरवाही के पीछे हो सकते हैं।
भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मांगा हस्तक्षेप
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और पुलिस ने हमलावरों के बजाय पीड़ितों के खिलाफ कार्रवाई की। भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से इस मामले में फौरन हस्तक्षेप की मांग की है और रवींद्रनगर की स्थिति पर विशेष ध्यान देने को कहा है।
तृणमूल कांग्रेस का पलटवार — “स्थानीय विवाद को सांप्रदायिक रंग”
तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि यह केवल एक स्थानीय विवाद था, जिसे भाजपा सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी तरह की अफवाह फैलाने से बचा जाए और शांति बनाए रखी जाए।
हालिया घटनाएं — मुर्शिदाबाद की हिंसा से जोड़
गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में नए वक्फ बोर्ड कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान भी हिंसा भड़क गई थी। 11-12 अप्रैल को हुई उस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। ऐसे में रवींद्रनगर की घटना को लेकर राज्य सरकार की भूमिका एक बार फिर कठघरे में है।
सांप्रदायिक सौहार्द पर खतरा या राजनीतिक चाल?
रवींद्रनगर की घटना को लेकर जहां भाजपा इसे हिंदू विरोधी साजिश बता रही है, वहीं तृणमूल कांग्रेस इसे सियासी प्रोपेगैंडा करार दे रही है। असली सवाल यह है कि क्या बंगाल की सड़कों पर धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है? और क्या प्रशासन वाकई निष्पक्ष कार्रवाई कर रहा है? जवाब आने बाकी हैं।