धीमी मौत मर रही है वोडाफोन-आइडिया; जानिए Vi के 27 करोड़ ग्राहकों का क्या होगा?

वोडाफोन और आइडिया ने अगस्त 2018 में हाथ मिलाया। उस वक्त चल रही जियो की आंधी में दोनों ‘मार्क्ड सेफ’ होना चाहते थे। कंपनी उस वक्त तो बच गई, लेकिन पिछले तीन साल से धीमी मौत मर रही है। मर्जर के वक्त वोडाफोन आइडिया के 43 करोड़ सब्सक्राइबर्स थे, जो अब 27 करोड़ से भी कम हो गए हैं। कंपनी की देनदारी 1.80 लाख करोड़ रुपए पहुंच गई है और प्रमोटर्स ने हाथ खड़े कर दिए हैं।

वोडाफोन की पेरेंट कंपनी का कहना है कि वो अब इसमें कोई नया निवेश नहीं करेगी। वहीं आइडिया के मालिक कुमार मंगलम बिड़ला ने अपनी हिस्सेदारी सरकार को देने की पेशकश की है। ऐसे में कंपनी के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

हम यहां आपको बता रहे हैं कि अगर वोडाफोन आइडिया बंद हो जाती है तो इससे सरकार को कितनी बड़ी चपत लगेगी? कंपनी के 27 करोड़ ग्राहकों के पास क्या विकल्प रहेंगे? जियो और एयरटेल को इन हालात का कितना फायदा मिलेगा?

वोडाफोन आइडिया बंद हुई तो सरकार को कितना नुकसान?

वोडाफोन आइडिया के पास करीब 1.6 लाख करोड़ रुपए स्पेक्ट्रम की पेमेंट और AGR की देनदारी है। AGR एक तरह की लाइसेंसिंग फीस है। ये संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग द्वारा ली जाती है। ये रकम सीधे तौर पर सरकार को मिलती है। इसके अलावा कंपनी ने बैंकों से करीब 23 हजार करोड़ रुपए का लोन लिया है। इनमें 70% सरकारी बैंक हैं। इसके अलावा बैंकों ने कंपनी को हजारों करोड़ रुपए की गारंटी दे रखी है।

अगर वोडाफोन आइडिया बंद हुई तो सबसे बड़ा घाटा सरकार को उठाना पड़ेगा, क्योंकि कंपनी की नेटवर्थ नेगेटिव है। सरकार की देनदारी की रिकवरी बेहद मुश्किल है। ऐसी ही स्थिति रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल के बंद होने के बाद भी आई थी। उस वक्त भी सरकार की रिकवरी बेहद कम रही थी।

वोडाफोन आइडिया के 27 करोड़ ग्राहकों का क्या होगा?

अगर कंपनी बंद भी होती है तो उससे मौजूदा ग्राहकों को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्हें कम से कम 30 दिन का एडवांस नोटिस दिया जाएगा। इस दौरान ग्राहक चाहें तो अपना नंबर दूसरी कंपनी में पोर्ट करा सकते हैं या नंबर बंद करके नया कनेक्शन ले सकते हैं। नोटिस पीरियड खत्म होने के बाद सभी ग्राहकों को अपना कनेक्शन सरेंडर करना होगा। 2018 में जब एयरसेल ने अपनी सर्विस बंद की थी तो सब्सक्राइबर्स को दूसरा ऑपरेटर खोजना पड़ा था। ट्राई ने उन्हें यूनीक पोर्टिंग कोड दिया था जिसके जरिए वे मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी चुन सकते थे।

Vi के बंद होने से जियो और एयरटेल को कितना फायदा?

वोडाफोन आइडिया के 27 करोड़ यूजर्स में करीब 2 करोड़ पोस्टपेड यूजर्स और करीब 25 करोड़ प्रीपेड यूजर्स हैं। अगर कंपनी बंद होती है तो इसके ग्राहक जियो और एयरटेल में बंट जाएंगे।

जियो ने पोस्टपेड में ज्यादा तरक्की नहीं की है, इसलिए माना जा रहा है कि वोडाफोन आइडिया के 90% पोस्टपेड सब्सक्राइबर्स एयरटेल में चले जाएंगे। दूसरी तरफ जियोफोन नेक्स्ट की लॉन्चिंग की वजह से करीब 70% प्रीपेड सब्सक्राइबर्स के जियो जॉइन करने का अनुमान है।

वोडाफोन आइडिया के प्रीपेड सब्सक्राइबर्स की औसत कमाई 109 रुपए है और पोस्टपेड सब्सक्राइबर्स से औसत कमाई 350 रुपए है। इस हिसाब से एयरटेल और जियो के रेवेन्यू में करीब 20 हजार करोड़ का इजाफा हो सकता है।

खुद को बचाने के लिए वोडाफोन आइडिया क्या कर रहा है?

कंपनी AGR के सही कैलकुलेशन के लिए सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है।कंपनी ने इक्विटी और डेट से 25 हजार करोड़ रुपए जुटाने का अप्रूवल शेयर होल्डर्स से ले लिया है।कंपनी अपनी अतिरिक्त जमीन और डेटा सेंटर्स बेचकर 3 हजार करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी कर रही है।कंपनी का 6,800 करोड़ रुपए का टैक्स रिफंड पेंडिंग है।पेरेंट कंपनी वोडाफोन PLC की तरफ से जून 2022 में 6400 करोड़ रुपए मिलने हैं।

इन तमाम कोशिशों के बावजूद वोडाफोन आइडिया की राह मुश्किल नजर आ रही है, क्योंकि कंपनी के पास जितना बकाया है उसमें ये पैसा ऊंट के मुंह में जीरा साबित होगा। कर्ज में गले तक डूबी कंपनी को खरीदार मिलना भी मुश्किल है। ऐसे में कंपनी के दीवालिया होने की आशंका है।

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