मध्यप्रदेश में दहेज हत्या के आरोपी को समाज ने दिया ऐसा दंड कि जानकर हैरान रह जाएंगे आप!

  • एक अनोखा न्याय, दहेज हत्यारे के पूरे कुटुम्ब को समाज ने दी सजा,
  • सजा मे 2 माह की बच्ची भी शामिल
  • खाने को राशन पानी नही जलाने को लकड़ी नही कैसे हो गुजरा
  • बच्चों की सर्दी से बुरी हालत पहनने को कपडे भी नही
  • आस पास के दुकानदार समान भी नही दे रहे भगा देते है धुत्कार कर

 

खबर शिवपुरी जिले के तहसील खानियधनां थाना क्षेत्र के गांव बरबटपुरा से है | इस गांव के निवासरत एक आदिवासी परिवार में बहू खत्म हो गई थी | जिसमे गांव वालों ने आदिवासी परिवार को हत्यारा घोषित कर के अजीब न्याय कर दिया और गांव वालों ने व समाज वालों ने गांव से बाहर निकाल दिया | अब इसकी सजा कानूनी तौर पर तो हत्यारे बेटे को मिलना चाहिये पर यह सजा पूरे परिवार व कुटुम्भ को मिली है |

बीते रोज़, दहेज में बाईक न मिलने के कारण शिवराज आदिवासी ने अपनी पत्नि की हत्या कर दी | शिवराज के पिता ने ही अपने बेटे के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया हैं | लेकिन आदिवासी समाज ने इस दहेज हत्या का घोर विरोध करते हुए शिवराज के कुटुम्ब को ही दंड दे डाला। बताया जा रहा हैं कि आदिवासी समाज ने इस परिवार को समाज से निकाल दिया हैं | इस परिवार से सभी प्रकार के संबंध खत्म कर दिए हैं।

बताया जा रहा है कि आदिवासी समाज ने आरोपी कुटुंब के सभी 6 मकानो पर तालाबंदी कर दी। आरोपी से संबंध रखने वाले हर महिला पुरूष और बच्चे भी गांव में घुसने पर भी प्रतिबंध लगा दिया हैं।

जानकारी मिल रही हैं कि इस परिवार के गांव में घुसने के प्रतिबंध लगाने के कारण जरूरत का समान भी नही हैं। इस कडकडाती ठंड में पहनने और बिछाने तक के लिए कपडे नही हैं। जंगल में मासूम बच्चो के साथ आग के सहारे रात काट रहे हैं। और राशन का सामान भी नही है व आस पास के दुकानदार राशन का सामान देने को भी मना कर देते है साथ ही इस परिवार को छोटे छोटे बच्चों के तालाब का दूषित पानी पीने को मजबूर है |

आदिवासी समाज ने कुटुम्ब के जिन लोगों को घर से निकाला है, उनमें आरोपी शिवराज के पिता शिवदयाल, बड़ा भाई भूरा, छोटा भाई सतीश व लायकराम, मां छतिया व भूरा की दो माह की बेटी शामिल है।

इसके अलावा शिवराज के ताऊ मुकुंदी सहित ताई द्रोह व चचेरेे भाई जसरत, रामदयाल, रघुवर, श्रीपत सहित जसरत की दो बेटियां छाया व प्रियंका, रामदयाल का बेटा संदीप व बेटी निशा शामिल है। इसी तरह शिवराज के चाचा शिवलाल, चाची सुंथरा व चचेरा भाई हरभान व कपूर सहित हरभान के तीन बच्चे रामक्रेश, उमेश व बेटी संजू आदिवासी शामिल है।


शिवराज के चचेरे भाई जसरत आदिवासी का कहना है कि उनके कुटुम्ब के तीन परिवार खनियाधाना के शिवनगर में रहते हैं। इसमें बड़े दाऊ निरभा आदिवासी, मंगल व पूरन आदिवासी शामिल हैं। शिवनगर में भी समाज के लोगों ने पापी हत्यारे कहकर निकाल दिया।

कहने लगे कि आपके कुटुम्ब में बहू की हत्या हुई है। जब तक कलंक नहीं मिटेगा, गांव में नहीं रह सकते। इसलिए तीनों परिवार भी बरबटपुरा से दो किमी दूर कुटुम्ब के साथ नौ झोपडियों बनाकर रहने लगे हैं।

जसरत आदिवासी का कहना है कि कलंक तो लग गया है, इसे मिटाना जरूरी है। इसलिए जो दंड पंच देंगे उसको मानना ही पड़ेगा पांचो का कहना है कि कलंक जब मिटेगा जब 25000 रुपये दोगे और कहा है की इसका विरोध नहीं कर सकते और ना ही पुलिस में शिकायत कर सकते हैं।

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