यूक्रेन से लखनऊ पहुंचीं ग्राम प्रधान वैशाली यादव, कही ये बड़ी बात

रूस-यूक्रेन संकट के बीच वैशाली यादव की वापसी के बाद जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई शुरू करने की संभावना

हरदोई. यूक्रेन से प्रधानी चलाने का आरोप झेल रहीं हरदोई की वैशाली यादव शुक्रवार को लखनऊ स्थित आवास पहुंच गईं. बुधवार की रात 1 बजे रोमानिया से मुंबई तक उनकी फ्लाइट थी, लेकिन बर्फबारी होने की वजह से वैशाली नहीं आ सकी थीं. इसके बाद गुरुवार को वह रोमानिया से मुंबई पहुंचीं और फिर देर शाम मुंबई से अपने लखनऊ स्थित घर सकुशल पहुंच गई हैं. वैशाली के पहुंचने के बाद घर वालों ने सुकून की सांस ली. यूक्रेन से प्रधानी चलाने का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई करने की पूरी तैयारी कर ली है. रूस-यूक्रेन संकट के बीच वैशाली यादव की वापसी के बाद जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई शुरू करने की संभावना है.

वह वर्तमान में प्रधान है

वैशाली के पिता महेंद्र यादव ने बताया कि उनकी पुत्री यूक्रेन से सकुशल वापस भारत आ चुकी है और अभी वह लखनऊ में है. साथ ही यह भी बताया कि वह वर्तमान में प्रधान है और साल में दो उपस्थिति दर्ज कराना आवश्यक होता है.इसके लिए वह एक उपस्थिति दर्ज कराकर गई थी. दूसरी के लिए अभी समय है. इस बीच जो भी कार्य पड़े वह डोंगल के द्वारा हुए जैसे अन्य प्रधानों के होते हैं. उन्‍होंने बताया कि उनकी बेटी ने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे उनकी छवि खराब हो.

सोशल मीडिया में हुईं ट्रोल

इससे पहले वैशाली के यूक्रेन से वीडियो जारी करने के बाद लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया था. बीजेपी विधायक तक ने बिना किसी पुष्टि के वैशाली के खिलाफ भ्रामक खबर फैला दी. इसके बाद वैशाली ने एक अन्य वीडियो जारी कर तमाम ट्रोल करने वालों को नसीहत दी थी. दरअसल, वैशाली यादव सांडी विकासखंड के तेरपुरसौली गांव की ग्राम प्रधान हैं. प्रधान चुने जाने के दौरान ही वह यूक्रेन के इवानो फ्रेंक्विस्क में मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहीं थीं. चुनाव खत्म हुआ तब वैशाली दोबारा यूक्रेन चली गईं.

सपा नेता की बेटी हूं!

रूस और यूक्रेन के युद्ध के बाद जब भारतीय वहां पर फंस गए तो अपनी बात वहां से वीडियो जारी कर कह रहे थे. वैशाली ने भी वीडियो बनाया और वायरल किया, लेकिन उस पर लोग सपा नेता की बेटी होने के कारण सरकार की छवि धूमिल करने का आरोप लगाने लगे. इसके बाद तमाम तरह की भ्रामक खबरें, और कार्रवाइयों के बारे में लिखा जाने लगा. जिसके बाद प्रशासन को सामने आना पड़ा और उसने इन तरह की खबरों का खंडन किया.

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