फिर चर्चा में आया ‘विकास दुबे’ वाला बिकरू कांड.. इस लैंड माफिया को मिली जमानत.. “क्या फिर लौटेगा खौफ़?”

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी सहयोगी और वित्तीय प्रबंधक जयकांत बाजपेई को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। बाजपेई पर आरोप है कि उन्होंने बिकरू कांड में विकास दुबे की मदद की, जिसमें जुलाई 2020 में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे।

बिकरू कांड: एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि 3 जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में पुलिस टीम ने विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए छापा मारा था। इस दौरान दुबे और उसके साथियों ने पुलिस पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक डिप्टी एसपी सहित आठ पुलिसकर्मी मारे गए। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था।

जयकांत बाजपेई की भूमिका

पुलिस जांच में सामने आया कि जयकांत बाजपेई ने विकास दुबे को हमले से पहले 2 लाख रुपये नकद, 25 कारतूस और भागने के लिए वाहन उपलब्ध कराए थे। इसके अलावा, उन्होंने दुबे को पुलिस की कार्रवाई की जानकारी भी दी थी।

हाईकोर्ट का निर्णय

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जयकांत बाजपेई की दूसरी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने माना कि बाजपेई पिछले लगभग पांच वर्षों से जेल में हैं, और अब तक अभियोजन पक्ष के 102 गवाहों में से केवल 13 की गवाही हुई है। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी देखा कि सह-आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।

विवादास्पद इतिहास

जयकांत बाजपेई का नाम पहले भी विवादों में रहा है। उन्हें कानपुर प्रशासन ने ‘लैंड माफिया’ घोषित किया था, और उन पर फर्जी सचिवालय पास का उपयोग करने का आरोप भी लगा था। इसके अलावा, उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

बिकरू कांड में एक नया मोड़

जयकांत बाजपेई को मिली जमानत ने बिकरू कांड से जुड़े मामलों में एक नया मोड़ ला दिया है। जहां एक ओर यह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है, वहीं दूसरी ओर यह पीड़ित परिवारों और समाज के लिए चिंता का विषय भी है।

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