क्या निकाय चुनाव में अखिलेश के खिलाफ चुनाव लडेंगे चाचा शिवपाल, जानिए पूरी बात!

अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव के रिश्तों में चल रही खटास के बीच हाल में बनी दूरी अब चुनावी जंग में असर दिखाएंगी

अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव के रिश्तों में चल रही खटास के बीच हाल में बनी दूरी अब चुनावी जंग में असर दिखाएंगी। निकाय चुनाव में चाचा भतीजे की पार्टियां आमने-सामने होंगी। यानी निकाय चुनाव में चाचा शिवपाल भतीजे अखिलेश को टेंशन देंगे। चाचा की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदित्‍य यादव ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी पूरे दमखम से निकाय चुनाव लडे़गी। आदित्‍य शिवपाल यादव के बेटे और अखिलेश के चचेरे भाई हैं।

बीते दिनों आदित्‍य ने कहा पार्टी का पूरा प्रयास है कि सभी सीटों पर चुनाव लड़ा जाए। निकाय चुनाव में जो लोग कामयाबी हासिल करने की स्थिति में होंगे उनको उम्मीदवार बनाया जाएगा। पार्टी ने निकाय चुनाव में उम्मीदवारों के आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं। सभी आवेदनों की जांच कर और तय मानक पूरे करने वाले को कैंडिडेट बनाया जाएगा। उनकी घोषणा इसी माह के आखिर तक करने का प्लान हैं। दरअसल, पार्टी का मानना है कि निकाय चुनाव में उतरकर जमीनी स्तर पर संगठन खड़ा करने में मदद मिलेगी।

दरअसल, विधानसभा चुनाव में एक साथ आने के बाद भी चाचा भतीजे की राहें फिलहाल जुदा हैं। शिवपाल यादव अपनी पार्टी प्रसपा को फिर से सक्रिय करने में जुट गए हैं। अपने बेटे आदित्य को प्रदेशाध्यक्ष का दायित्व सौंपा हैं। संगठन गठन शुरू कर दिया है। भतीजे अखिलेश पर अब कहावतों के तौर पर हमले कर रहे हैं। ऐसे में निकाय चुनाव में चाचा की पार्टी भतीजे की पार्टी सपा को कितना सियासी नुकसान पहुंचाएगी यह वक्त बताएगा लेकिन शिवपाल ने सपा से खफा होकर अलग हुए और मुलायम सिंह के वक्त सपा की धुरी रहे उपेक्षित सपाइयों को जोड़ने की मुहिम छेड़ दी हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि शहरी इलाके में बीजेपी हमेशा से मजबूत रही है, चाचा भतीजे की लड़ाई में बीजेपी को फायदा पहुंचना तय है।

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