उत्तराखंड में कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत, भाजपा को केवल 7 सीटें.. देवरानी-जेठानी ने मारी बाजी

उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 के नतीजे सामने आ चुके हैं और देहरादून जिले से कांग्रेस के लिए अच्छी खबर आई है। कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने यहां 12 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि भारतीय जनता पार्टी को 7 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। इन चुनावों में महिलाओं, युवाओं और पारिवारिक नेतृत्व की अहम भूमिका देखने को मिली, जिसने पूरे राज्य में पंचायत चुनाव को नया राजनीतिक आयाम दिया है।

देहरादून में कांग्रेस की बढ़त, भाजपा को झटका

देहरादून जिले की कुल 30 जिला पंचायत सीटों में से 16 पर चुनाव हुआ। इनमें से कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने 12 सीटें जीतकर साफ बढ़त हासिल की। वहीं भाजपा को केवल 7 सीटें ही मिलीं, जबकि तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने बाज़ी मारी। विशेष बात यह रही कि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान के प्रभाव क्षेत्र में भी कांग्रेस ने 11 में से 7 सीटें जीतीं। यह परिणाम कांग्रेस की ग्रामीण इलाकों में वापसी का संकेत माना जा रहा है।

महिलाओं और युवाओं का पंचायत में दबदबा

इस बार के पंचायत चुनावों में महिलाओं और युवाओं ने निर्णायक भूमिका निभाई। आंचल पुंडीर और माहेश्वरी देवी जैसी महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कर ग्रामीण राजनीति में महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की। कई क्षेत्रों से पहली बार चुनाव लड़ रहे युवाओं को भी सफलता मिली, जिससे नई पीढ़ी के नेतृत्व का उदय साफ दिखाई दे रहा है।

देवरानी-जेठानी दोनों बनीं विजेता

रीठा रैतोली गांव से दिलचस्प मामला सामने आया जहां एक ही परिवार की दो बहुएं—सोनिया और साक्षी—ने पंचायत चुनाव में जीत हासिल की। सोनिया ग्राम प्रधान बनीं जबकि साक्षी क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्वाचित हुईं। यह घटनाक्रम बताता है कि अब ग्रामीण परिवार भी संगठित रूप से राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

कांग्रेस की वापसी या भाजपा की चेतावनी?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पंचायत चुनावों में कांग्रेस का यह प्रदर्शन आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक संकेत हो सकता है। हालांकि भाजपा का दावा है कि उनकी “तीन इंजन सरकार” की विकास योजनाओं को ग्रामीण जनता ने सराहा है, लेकिन नतीजे इस दावे को पूरी तरह समर्थन नहीं देते। भाजपा के लिए यह नतीजे चेतावनी की तरह हैं कि गांवों में उनकी पकड़ कमजोर हो रही है।

मतदान प्रतिशत और जनभावनाएं

2025 के पंचायत चुनाव में राज्यभर में कुल 69.16% मतदान दर्ज किया गया। मतदाताओं की भागीदारी से साफ है कि गांवों में लोकतंत्र को लेकर जागरूकता बढ़ी है। ग्रामीण जनता ने जाति, परिवार, विकास और नेतृत्व के आधार पर वोट दिया है, जिससे हर राजनीतिक दल को अपनी रणनीति दोबारा सोचनी पड़ेगी।

ग्रामीण राजनीति के बदलते स्वरूप की झलक

उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 के नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि गांवों की राजनीति अब पुराने ढर्रे पर नहीं चल रही। महिलाएं, युवा, और एक ही परिवार से जुड़े कई उम्मीदवारों की जीत ने ग्रामीण लोकतंत्र को नए आयाम दिए हैं। देहरादून में कांग्रेस का उभार केवल एक जीत नहीं, बल्कि संभावित राजनीतिक बदलाव का संकेत है। भाजपा के लिए यह नतीजे आत्मचिंतन का समय हैं, जबकि कांग्रेस के लिए यह वापसी की शुरुआत हो सकती है।

 

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