UP: मुख्य सचिव बने एस.पी. गोयल: योगी सरकार के भरोसेमंद अफसर को मिली नौकरशाही की कमान

उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में बड़ा बदलाव हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भरोसेमंद और वरिष्ठ नौकरशाह शशि प्रकाश गोयल को प्रदेश का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया जब मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को केंद्र सरकार से सेवा विस्तार नहीं मिला। गोयल की नियुक्ति ने लंबे समय से चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया है और एक अनुभवी प्रशासनिक अधिकारी को प्रदेश की सबसे अहम नौकरशाही जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से मुख्य सचिव तक का सफर
एस.पी. गोयल 1989 बैच के IAS अधिकारी हैं और वे कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं और लंबे समय तक मुख्यमंत्री कार्यालय का नेतृत्व किया है। नौकरशाही और सत्ता के बीच सामंजस्य बिठाने की उनकी शैली ने उन्हें मुख्यमंत्री के “कोर टीम” का अभिन्न हिस्सा बना दिया।
उनकी नियुक्ति को प्रशासनिक स्थिरता और नीति-निर्माण में तेज़ी लाने वाला कदम माना जा रहा है।
सेवा विस्तार न मिलने के बाद लिया गया निर्णय
पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को मुख्यमंत्री योगी ने 30 जून 2024 को इस पद पर नियुक्त किया था। उनका कार्यकाल 31 जुलाई 2025 तक एक साल बढ़ाने की सिफारिश राज्य सरकार ने केंद्र को भेजी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर सेवा विस्तार स्वीकृत नहीं किया।
ध्यान देने वाली बात यह है कि पूर्व में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय और दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार मिला था। ऐसे में इस बार केंद्र के रुख को लेकर नौकरशाही में जिज्ञासा बनी रही, जो अब समाप्त हो गई।
एसपी गोयल की नियुक्ति के मायने
एस.पी. गोयल की नियुक्ति का संदेश स्पष्ट है—मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसे अधिकारी को चुना है जो नीतिगत निर्णयों को तेज़ी से लागू कराने की क्षमता रखते हैं, और जिनकी प्रशासनिक पकड़ व्यापक है। वह न केवल मुख्यमंत्री के भरोसेमंद रहे हैं, बल्कि विभिन्न विभागों के अनुभव के कारण सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक प्रभावी ढंग से पहुँचाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
ब्यूरोक्रेसी से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि गोयल के आने से प्रशासनिक पारदर्शिता, कार्य कुशलता और फील्ड लेवल मॉनिटरिंग में नई धार आएगी।
मुख्यमंत्री की टीम और सुशासन की दिशा
शशि प्रकाश गोयल की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब राज्य में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं—जैसे गंगा एक्सप्रेसवे, बुनियादी ढांचे का विस्तार, विकास योजनाओं का निगरानी तंत्र—पर ज़ोर दिया जा रहा है। उनके पास इन क्षेत्रों में प्रशासनिक अनुभव है और माना जा रहा है कि अब इन योजनाओं में और गति आएगी।