UP का पहला Smart Village बनेगा गौतमबुद्ध नगर का मायचा, इन गांवों की बदलेगी तस्वीर

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर  का मायचा गांव प्रदेश  का पहला स्मार्ट विलेज (Smart Village) बनने जा रहा है. ग्रेनो अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने स्मार्ट विलेज प्रॉजेक्ट का गुरुवार को शुभारंभ किया. पहले चरण में ग्रेनो में 14 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके तहत सबसे पहले मायचा को विकसित करने का काम प्रारंभ हो गया है.

स्मार्ट विलेज के नाम पर सिर्फ सड़क, पानी और बिजली ही नहीं बल्कि फ्री वाईफाई, निजी स्कूलों के तरह अपग्रेडेड सरकारी स्कूल, लाइब्रेरी और पार्क जैसी सुविधाएं मिलेंगी. स्मार्ट विलेज प्रॉजेक्ट पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. ग्रेनो प्रवक्ता ने बताया कि पहले चरण में पायलट प्रॉजेक्ट में शामिल गांवों के विकास के लिए 67.59 करोड़ रुपये से कार्य शुरू हो गए हैं. 15 करोड़ के कार्य के लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया चल रही है. गांवों के विकास के लिए 62.45 करोड़ का बजट तैयार किया जा रहा है.

ग्रेनो अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि मायचा को स्मार्ट विलेज बनाने में करीब 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे. गांव के तालाब का सौंदर्यीकरण होगी. खेल का मैदान विकसित किया जाएगा. रोड, बिजली, सीवर, पानी, सामुदायिक केंद्र व कॉमन हॉल, लाइब्रेरी आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इन कार्यों को एक साल में पूरा करने का लक्ष्य है.

बीजेपी सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर व ग्रेनो अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने स्मार्ट विलेज प्रॉजेक्ट का फीता काटकर शुभारंभ किया. इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष विजय भाटी, अन्नू पंडित, हरेंद्र भाटी, सरदार मंजीत सिंह, कर्मवीर आर्य आदि मौजूद रहे.

पहले चरण में ये भी होंगे स्मार्ट

ग्रेनो प्राधिकरण ने शहर की तर्ज पहले चरण में 14 गांवों को मॉडल/स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है. इन गांवों में मायचा, छपरौला, सादुल्लापुर, तिलपता-करनवास, घरबरा, चीरसी, लडपुरा, अमीनाबाद उर्फ नियाना, सिरसा, घंघोला, अस्तौली, जलपुरा, चिपियाना खुर्द तिगड़ी व यूसुफपुर चकशाहबेरी गांव शामिल हैं.

इन गांवों की डीपीआर बनाने का काम भारत सरकार की संस्था वैपकॉस लिमिटेड का दिया गया है. इसने मायचा, जलपुरा, घरबरा व अमीनाबाद नियाना का डीपीआर बनाकर तीन महीने में दे दी थी. सभी गांवों में इस साल के अंत तक काम शुरू हो जाएंगे. चुहड़पुर, पुराना हैबतपुर, बिसरख, हल्दौनी, रिछपाल गढ़ी की परियोजना रिपोर्ट शीघ्र तैयार कराने की प्रक्रिया चल रही है. इसके बाद दूसरे गांवों का नंबर आएगा.

इन योजनाओं का भी मिलेगा पात्रों को लाभ

सरकारी योजनाओं का लाभ इन गांव के लोगों को जिला प्रशासन मुहैया कराएगा. इस गांव में निराश्रित महिलाओं को पेंशन, वृद्धावस्था/किसान पेंशन, दिव्यांगजन पेंशन, गृहस्थी राशन कार्ड, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के साथ जिनके पास मकान नहीं होगा उनको मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मकान भी बनाकर दिए जाएंगे.

वाईफाई से बच्चों की पढ़ाई में मदद होगी

मायचा गांव की आबादी छह हजार है. इस गांव के अधिकांश किसानों की जमीन दिल्ली-मुंबई रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहीत की गई है. गांव के किसान महेंद्र भाटी का कहना है कि गांव में वाईफाई आने के बाद ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित बच्चों को बड़ी सुविधा मिल जाएगी.

 

– सड़कें, ड्रेनेज, सीवरेज, जलापूर्ति और बिजली के कार्य

 

– सामुदायिक केंद्र, पंचायत घर व प्राथमिक विद्यालय का विकास

 

– हॉर्टिकल्चर व लैंड स्कैपिंग के कार्य

 

– वाईफाई की सुविधा

 

– खेल के मैदान का विकास

 

– तालाबों का संरक्षण

 

– सौर ऊर्जा का संरक्षण

 

– कूड़े का प्रबंधन

 

– स्ट्रीट फर्नीचर लगाना

 

– युवाओं को हुनरमंद बनाना और रोजगार के लिए प्रेरित करना

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