Rajasthan:आज विधानसभा में पांच विधेयकों पर हंगामे के आसार

बुधवार को राजस्थान विधानसभा के सदन में पांच विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा और भाजपा विधायक मदन दिलावर के निलंबन पर बुधवार को सदन में बहस हो सकती है। यदि सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक चलेगी, तो सत्र जारी रहेगा। विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले राजेंद्र गुढ़ा ने एक प्रेस वार्ता बुलाई है। उनके बयान को आधार बनाकर सदन में कुछ विधायक हंगामा कर सकते हैं। राजस्थान राज्य विद्युत शुल्क, महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय जोधपुर, राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग और नाथद्वारा मंदिर संशोधन विधेयक बुधवार को सदन में पेश किए जा सकते हैं। सरकार इन विधेयकों को सदन से शीघ्र पास करना चाहती है।
योजना शुरू होने के बाद कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान किसान की फसल बर्बाद होने पर उस पर लोन वसूलने का दबाव नहीं डाल सकेगा। किसान अपनी फसल या माली की हालत खराब होने पर कर्ज माफी की मांग कर सकेंगे। यह आयोग किसानों की कर्ज माफी करने या उनकी सहायता करने का निर्णय ले सकता है। राज्य कृषक ऋण राहत आयोग में पांच सदस्य होंगे, जिसमें अध्यक्ष भी शामिल होगा। राजस्थान में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आयोग का अध्यक्ष होगा।

बैंक किसानों की जमीन को नीलाम नहीं कर सकते; अगर किसान को कुर्क आयोग में मुकदमा चल रहा है, तो बैंक या वित्तीय संस्थान बिना उसकी अनुमति के किसानों की जमीन को नीलाम नहीं कर सकते। आयोग के सदस्यों में कृषि निर्यातकों, सेवानिवृत्त आईएएस, जिला और सत्र न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीश और बैंकिंग क्षेत्र में काम कर चुके अधिकारी शामिल होंगे। सदस्य सचिव सहकारी समितियों के अतिरिक्त रजिस्ट्रार स्तर के अधिकारी होंगे। किसान ऋण राहत आयोग के सदस्यों और अध्यक्षों का पदावधि तीन वर्ष होगा। सरकार अपने स्तर पर आयोग का समय बढ़ा सकती है और किसी सदस्य को बाहर निकाल सकती है।

यह सिविल कोर्ट के समान होगा आयोग का अधिकार: इस आयोग को सिविल कोर्ट के बराबर अधिकार होंगे। योजना ने किसान को संकटग्रस्त घोषित करने के बाद बैंक उससे कर्ज की वसूली नहीं कर सकेगा। साथ ही, संस्था कर्ज माफी की घोषणा कर सकेगी। राज्य कृषक ऋण राहत आयोग का फैसला सिविल न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगा। किसी भी अधिकारी या व्यक्ति को भी आयोग चाहेगा।

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