यूपी पुलिस के सिपाही ने दी 9 साल के बच्चे की बलि, बोला – “इसपर भूत-प्रेत का साया, परिवार को बचाना था”

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पुलिस सिपाही ने काले जादू के असर में आकर एक 9 साल के बच्चे की निर्मम हत्या कर दी। सिपाही का दावा है कि बच्चा भूत-प्रेत और तांत्रिक शक्तियों के कब्जे में था, इसलिए उसने उसकी बलि दे दी। यह मामला न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी बताता है कि अंधविश्वास और मानसिक विकृति जब वर्दीधारी तक पहुंच जाती है, तो नतीजे कितने भयानक हो सकते हैं।
घटना की पूरी कहानी: ईंट मारकर की गई हत्या
घटना शाहजहांपुर के कांट थाना क्षेत्र के पिपरिया भोजपुर गांव की है। मृतक का नाम शौर्य मिश्रा है जो 9 साल का मासूम बच्चा था। 28 जुलाई को वह अपने घर से अचानक गायब हो गया। परिजनों ने बच्चे की तलाश की और फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
दो दिन बाद यानी 30 जुलाई को गांव के ही एक मकान में बच्चे का शव संदिग्ध हालत में पड़ा मिला। आरोपी की पहचान कांट थाने में तैनात सिपाही अवनीश यादव के रूप में हुई। उसने ईंट से वार कर शौर्य की हत्या की और शव को घर के एक कमरे में छिपा दिया।
काले जादू और भूत-प्रेत की वजह से दी बलि
पुलिस की पूछताछ में आरोपी अवनीश यादव ने चौंकाने वाला बयान दिया। उसने बताया कि उसे लग रहा था कि शौर्य किसी भूत या तांत्रिक शक्ति के प्रभाव में है, जो उसके परिवार को नुकसान पहुंचा सकती है। उसने इसे ‘बलि देना’ जरूरी समझा, ताकि परिवार की रक्षा हो सके। यह स्वीकारोक्ति इस बात को साफ करती है कि मानसिक असंतुलन, अंधविश्वास और तांत्रिक सोच का जहर वर्दीधारी तक फैल चुका है।
मेडिकल परीक्षण होगा, सख्त कार्रवाई तय
जैसे ही मामला खुला, पुलिस प्रशासन हरकत में आया। आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर IPC की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है। शाहजहांपुर के एसपी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि आरोपी का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह बेहद संगीन मामला है, हम पूरी गंभीरता से इसकी जांच कर रहे हैं। आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।”
परिवार की चीखें और गांव में डर का माहौल
शौर्य मिश्रा की मौत के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी अंदाजा नहीं था कि एक पुलिस वाला ही उनके बच्चे की हत्या कर देगा। गांव में भय का माहौल है, लोग सदमे में हैं कि एक रक्षक ही भक्षक बन जाएगा।
यह सिर्फ हत्या नहीं, चेतावनी है !
यह घटना समाज के लिए एक सख्त चेतावनी है। जब एक वर्दीधारी व्यक्ति भी तांत्रिक सोच और काले जादू के भ्रम में आकर हत्या कर सकता है, तो यह बताता है कि मानसिक स्वास्थ्य और अंधविश्वास के खिलाफ गंभीर कदम उठाना अब टालने वाली चीज नहीं रह गई है।