यूपी में मदरसों के लिए जारी नया आदेश.. करना होगा यह काम, वरना नहीं दी जाएगी मान्यता

उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसा शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने मदरसों के पाठ्यक्रम में आधुनिक विषयों को शामिल करने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य मदरसा छात्रों को पारंपरिक धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ आधुनिक और समसामयिक ज्ञान प्रदान करना है, ताकि वे मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जुड़ सकें ।
नए पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय
नई शिक्षा नीति के तहत, अब मदरसों में निम्नलिखित विषयों को अनिवार्य किया गया है:
- हिंदी और अंग्रेजी: भाषा कौशल को बढ़ावा देने के लिए।
- गणित और विज्ञान: तार्किक और वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए।
- सामाजिक विज्ञान और कंप्यूटर: सामाजिक समझ और तकनीकी ज्ञान के लिए।
इसके अतिरिक्त, कक्षा 1 से 3 तक एनसीईआरटी और कक्षा 4 से 8 तक एससीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा ।
बुनियादी ढांचे में सुधार
मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने बुनियादी सुविधाओं में सुधार के निर्देश दिए हैं। इनमें पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, स्वच्छ पेयजल, शौचालय और पर्याप्त कक्षाएं शामिल हैं। इन सुविधाओं के बिना मदरसों को मान्यता नहीं दी जाएगी ।
शिक्षकों का प्रशिक्षण और डिजिटल मार्कशीट
शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकों से लैस करने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसके साथ ही, यूपी मदरसा बोर्ड की सभी मार्कशीट का डिजिटलीकरण किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी ।
मदरसा शिक्षा का वर्तमान परिदृश्य
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 13,229 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें लगभग 12 लाख 35 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। इस नए प्रस्ताव से मदरसा शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा के स्तर से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा मिल सके ।