“IAS में तुम्हारा चयन पक्का..:, कभी बोरे में, कभी बैग भरकर लिए पैसे, 7 पर FIR दर्ज, होश उड़ा देंगे आरोपियों के नाम

सुल्तानपुर जिले में एक युवक से IAS की नौकरी दिलाने के नाम पर लगभग 38 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित प्रांजल त्रिपाठी ने बताया कि 2022 में यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा देने के बाद उनकी मुलाकात प्रणव द्विवेदी से हुई, जो खुद को बड़े नेताओं से जुड़ा और कई अभ्यर्थियों को IAS/PCS बनवाने वाला बताता था।
भरोसे की नींव पर ठगी: दोस्त बनकर फंसाया जाल में
प्रणव द्विवेदी, कूरेभार के अधिवक्ता बजरंग द्विवेदी का पुत्र है। वह प्रांजल के घर आने-जाने लगा और परिवार का विश्वास जीत लिया। जनवरी 2023 में उसने यूपीएससी मेन्स और इंटरव्यू का एडमिट कार्ड दिया, जिस पर प्रांजल की फोटो थी। इसके बाद अलग-अलग खातों में पैसों की मांग शुरू हो गई।
बैंक खातों और डिजिटल पेमेंट से किया ट्रांजैक्शन
प्रांजल के अनुसार, बजरंग द्विवेदी के खातों में 26.50 लाख, मनीष दूबे के खाते में 7 लाख, श्रेयांश अग्रहरि के खाते में 80 हजार, और दीपक पटेल की दुकान पर 2 लाख रुपये मंगवाए गए। इसके अलावा, गूगल पे से 10,500 रुपये भी भेजवाए गए।
फर्जी नियुक्ति पत्र पर भारत सरकार की मोहर
प्रणव ने अपने साथी राज मिश्रा के माध्यम से भारत सरकार की मुहर लगे फर्जी नियुक्ति पत्र भी बनवाए। एक पत्र में 22 जून 2023 की नियुक्ति तिथि दर्ज थी। लेकिन यह नियुक्ति कभी हुई ही नहीं। अगस्त 2024 में प्रांजल के पड़ोसी मनीष दूबे को भी ऐसा ही एक फर्जी पत्र दिया गया।
मीडिया और पुलिस से शिकायत पर धमकी, हत्या की चेतावनी
जब प्रांजल को शक हुआ तो उसने सवाल उठाए। लेकिन प्रणव ने उसे धमकाया कि अगर मीडिया या पुलिस को कुछ बताया तो मंत्री और उनके पुत्र पूरे परिवार की हत्या करवा देंगे। यह धमकी भी ठगी का हिस्सा थी ताकि शिकायत न की जा सके।
कार गिरवी रखने का प्लान और ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट का नाटक
दिसंबर 2024 में प्रणव ने प्रांजल की बलेनो कार गिरवी रखने का प्रस्ताव रखा ताकि लेन-देन का ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट तैयार किया जा सके। इसके लिए कभी पड़ोसी आशीष दूबे की डिजायर कार से आकर पैसे ले जाता, तो कभी मनीष दूबे के जरिए मंगवाता। इस प्रकार 12-14 लाख रुपये का दिखावटी ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट तैयार किया गया। अब बजरंग द्विवेदी इसी स्टेटमेंट के आधार पर पैसे देने का दावा कर रहे हैं।
फर्जी RTGS स्लिप, होटल में ठहराना और अवैध एग्रीमेंट
प्रणव ने कई फर्जी RTGS स्लिप भेजीं और प्रांजल को कई बार लखनऊ के होटलों और दीपक तिवारी के फ्लैट में हफ्तों तक रुकवाया। आरोपी ने एक फर्जी एग्रीमेंट भी तैयार किया, जिसके जरिए पैसे न लौटाने की धमकी दी गई। प्रांजल का दावा है कि आरोपियों ने उनके परिवार से करोड़ों रुपये की ठगी की। यह पैसा परिवार ने कर्ज लेकर और गहने बेचकर जुटाया था।
पुलिस में शिकायत, सात पर FIR, गिरोह की आशंका
पीड़ित ने एसपी कुंवर अनुपम सिंह से शिकायत की। उनके आदेश पर कोतवाली नगर में प्रणव द्विवेदी, बजरंग द्विवेदी, मनीष द्विवेदी, आशीष द्विवेदी, राज मिश्रा, श्रेयांश अग्रहरि और दीपक पटेल पर FIR दर्ज की गई है। अपर पुलिस अधीक्षक अखंड प्रताप सिंह के अनुसार, प्रथमदृष्टया मामला संदिग्ध है और विवेचना प्रचलित है। पुलिस को आरोपियों के गिरोह होने की भी आशंका है।