UP सरकार की पहल भूमि संबंधी विवादों का जल्द होगा निपटारा….

लखनऊ : प्रदेश में भूमि सम्बन्धों विवादों के प्रभावी समाधान की दिशा में योगी सरकार ने अहम फैसला किया है। इसमें निर्विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज कराने के लिए 15 दिसम्बर से 15 फरवरी, 2021 पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को निर्देश दिए कि राजस्व विभाग की जवाबदेही तय की जाए। समय सीमा के भीतर वरासत दर्ज नहीं करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। विशेष अभियान से वरासत दर्ज कराने लिए प्रयासरत लोगों को बड़ी सहूलियत मिलेगी। उन्हे भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। राजस्व विभाग खुद वरासत दर्ज करेगा। वहीं वरासत के बाद पैमाइश का अभियान चलेगा।

उन्होंने कहा कि हमें इस अभियान में एक समय सीमा तय कर देनी चाहिए। इसके बाद कहीं गलत हो जिस व्यक्ति ने समय रहते संज्ञान नहीं लिया हो, उसकी जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वरासत का यह अभियान भी बहुत सारे लोगों को राहत देने वाला होगा। इसके बाद हम पैमाइश का अभियान लेंगे। पैमाइश में लगने वाले अनावश्यक 45 दिन की समय सीमा को और न्यूनतम करने का काम करना होगा। एक सुरक्षित माहौल में हर एक व्यक्ति को उसके स्वयं का जो रकबा है उसमें उसे कब्जा मिल सके। वह उस पर अपना मालिकाना हक हासिल कर सके, इस दृष्टि से व्यापक पैमाने पर इस कार्यक्रम को हमें आगे बढ़ाना होगा।

वहीं प्रदेश के सभी गांवों में निर्विवाद उत्तराधिकार को दर्ज कराने के लिए सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी कर दिया गया है। राजस्व विभाग के मुताबिक प्रदेश में उत्तराधिकार दर्ज कराने के लिए तकरीबन डेढ़ से दो लाख आवेदन लम्बित हैं। मंडल स्तर पर सभी मंडलायुक्त इस अभियान की निगरानी करेंगे और राजस्व गांवों में खतौनियों के पढ़े जाने तथा अविवादित उत्तराधिकारियों की वरासत को दर्ज करने की कार्यवाही का समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण करेंगे।

जिला स्तर पर अभियान के संचालन और निगरानी की जिम्मेदारी जिलाधिकारी पर होगी। उप जिलाधिकारी और तहसीलदार प्रत्येक राजस्व गांव के लिए भ्रमण कार्यक्रम तय करते हुए संबंधित राजस्व निरीक्षकों और लेखपालों को सूचित करेंगे। जिन गांवों में ज्यादातर काश्तकार अन्य स्थानों पर रहते हों, उन गांवों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वहीं एसडीएम-तहसीलदार यह भी सुनिश्चित करेंगे कि राजस्व निरीक्षकों की ओर से उपलब्ध कराये गए सभी प्रपत्रों के अनुसार राजस्व निरीक्षक कार्यालय-सदर कानूनगो जल्दी से जल्दी कम्प्यूटरीकृत खतौनी में निर्विवादित उत्तराधिकारियों के नाम दर्ज कराते हुए भूलेख साफ्टवेयर पर भी इसे अपडेट कराया जाए। इसी के मुताबिक खतौनी की नकलें भी जारी की जाएं।

अभियान खत्म होने पर डीएम प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार व एसडीएम से यह प्रमाणपत्र लेंगे कि उनके क्षेत्र में अविवादित उत्तराधिकार का कोई मामला बचा नहीं है। मंडलायुक्त मंडल और जिलाधिकारी जनपद स्तर पर अभियान की पाक्षिक समीक्षा करेंगे।

विशेष अभियान में 15 से 30 दिसम्बर : राजस्व-तहसील अधिकारी राजस्व गांवों का भ्रमण कर अभियान का प्रचार-प्रसार करेंगे, खतौनियां पढ़ी जाएंगी, लेखपाल वरासत प्रार्थनापत्र प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन भरेंगे। वहीं 31 दिसम्बर से 15 जनवरी तक लेखपाल ऑनलाइन जांच की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही करेंगे। इसके बाद 16 से 31 जनवरी तक राजस्व निरीक्षक जांच और आदेश पारित करने की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही करेंगे। साथ ही राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) द्वारा नामांतरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के बाद खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।

इसके बाद 01 से 07 फरवरी तक जिलाधिकारी हर लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार व उप जिलाधिकारी से प्रमाणपत्र लेंगे कि उनके क्षेत्र में गांवों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई मामला बचा नहीं है। वहीं 08 से 15 फरवरी तक जिलाधिकारी हर तहसील के 10 फीसद गांवों को रैंडम तरीके से चिह्नित करके उनमें अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी आदि से इसकी जांच कराएंगे।

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