ATS ने मौलाना कलीम को गिरफ्तार किया:ADG बोले- धर्मांतरण के लिए विदेश से 3 करोड़ की फंडिंग ली,

15 दिन पहले भागवत के साथ मंच साझा किया

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण मामले में ATS ने मुजफ्फरनगर के फुलत के रहने वाले मौलाना कलीम सिद्दीकी (62) को गिरफ्तार किया है। मौलाना पर अवैध तरीके से धर्मांतरण और विदेश से इसके लिए फंडिंग लेने का आरोप है। कलीम इस्लामिक विद्वानों में शुमार हैं। वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के डायरेक्टर भी हैं।

7 सितंबर को मुंबई में RSS प्रमुख मोहन भागवत की अगुआई में हुए ‘राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र सर्वोपरि’ कार्यक्रम में भी मौलाना कलीम शामिल हुए थे। कुछ समय पहले वे अभिनेत्री सना खान का निकाह कराने को लेकर भी चर्चा में रहे थे।

कार्यक्रम में मौलाना कलीम और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया था।

ADG बोले- तीन करोड़ की हुई फंडिंग
ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि धर्मांतरण मामले में अब तक 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। साक्ष्य जुटाने के लिए ATS की 6 टीमें लगाई गई हैं। मौलाना कलीम ने एक ट्रस्ट बना रखा है। ट्रस्ट की आड़ में वह धर्म परिवर्तन करा रहा था। ट्रस्ट में विदेशों से फंडिंग की जाती है। मौलाना 15 सालों से धर्म परिवर्तन करा रहा है। उनके ट्रस्ट में बहरीन से 1.5 करोड़ रुपए आए हैं। 3 करोड़ कुल फंडिंग के सबूत अब तक मिले हैं।

जानकारी के मुताबिक, यूपी के मुजफ्फरनगर निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी तीन अन्य मौलानाओं के साथ मंगलवार शाम को मेरठ के लिसाड़ीगेट आए थे। जहां वह एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मंगलवार रात करीब साढ़े नौ बजे वह नमाज के बाद अन्य मौलानाओं के साथ मुजफ्फरनगर के लिए चले गए, लेकिन वह रात में मुजफ्फरनगर में अपने घर नहीं पहुंचे।

परिजन ने कॉल किया तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला। फिर बुधवार सुबह उनकी गिरफ्तारी की बात सामने आई। संदिग्ध गतिविधियों के चलते कलीम सिद्दीकी पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर थी। मौलाना के मेरठ आने की जानकारी ATS को पहले से थी। यही वजह है कि वापसी के वक्त उन्हें पकड़ लिया गया।

बिग बॉस शो से मशहूर हुईं सना खान का निकाह मौलाना कलीम ने कराया था।

आप विधायक ने गिरफ्तारी का विरोध किया
AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने मौलाना की गिरफ्तारी का विरोध किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। इन मुद्दों पर सेक्युलर पार्टियों की खामोशी भाजपा को और मजबूती दे रही है। UP चुनाव जीतने के लिए BJP आखिर और कितना गिरेगी?

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