यूपी में AAP का जोरदार प्रदर्शन.. महिलाओं को घसीटकर ले गई पुलिस, मेरठ से गोरखपुर तक सड़कों पर कार्यकर्त्ता

उत्तर प्रदेश में बढ़ती बिजली कटौती और बढ़ती बिजली दरों को लेकर बुधवार को आम आदमी पार्टी ने प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया। राजधानी लखनऊ में प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य भवन चौराहे पर विरोध मार्च निकाला, लेकिन भारी पुलिस कार्रवाई में महिला कार्यकर्ताओं समेत कई लोग हिरासत में लिए गए।

सड़क पर नारेबाज़ी, पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया

लखनऊ में AAP प्रांताध्यक्ष विनय पटेल और जिला अध्यक्ष इरम रिजवी के नेतृत्व में लगभग दर्जनों कार्यकर्ता इकट्ठा हुए। उन्होंने नारेबाज़ी करते हुए विद्युतीय आपूर्ति में सुधार की मांग की। पुलिस के साथ उनके नोक-झोंक के बाद कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, महिला कार्यकर्ताओं को सड़क से घसीटकर हिरासत में लिया गया, जिससे मसला और गरम हो गया।

बिजली कटौती और महँगाई ने जनता की चीख निकाल दी

AAP नेता विनय पटेल ने कहा कि 10–12 घंटे की बिजली कटौती और बढ़े बिल से आम आदमी, बच्चे और किसान त्रस्त हो चुके हैं। चिलचिलाती धूप और गर्मी में बिजली की कमी से रोजमर्रा का जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है, खेती-बाड़ी और व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे हैं।

मेरठ से लेकर गोरखपुर तक AAP का प्रदर्शन

बताते चलें कि इस प्रदर्शन का दायरा लखनऊ तक सीमित नहीं रहा। AAP ने आज ही पूरे प्रदेश के प्रमुख जिलों—जैसे मेरठ, वाराणसी, गाजियाबाद, कानपुर, झांसी और गोंडा में बिजली कटौती व भ्रष्ट मीटर रीडिंग के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया।

सरकार से 24 घंटे बिजली हो, मिटर स्कैम रोका जाए

AAP ने तीन प्रमुख मांगें रखीं:

  • निर्बाध 24 घंटे बिजली सुनिश्चित करने की सरकार से मांग
  • किसानों की सिंचाई को ठप कर रही कटौती पर तत्काल रोक
  • फर्जी मीटर रीडिंग और निजी एजेंसियों की मनमानी बिलिंग पर सख्त कार्रवाई

प्रदर्शनकारियों पर रोक-टोटका नहीं मंजूर

सरकार का कहना है कि यह प्रदर्शन सामान्य लोकतांत्रिक अधिकार के अंतर्गत है, लेकिन अगर मर्यादा से बाहर जाएगा तो क़ानूनी कार्रवाई होगी। हालांकि लखनऊ में प्रदर्शन की पहले से सूचना दी गई थी, लेकिन पुलिस ने उसे स्थानीय व्यवस्था पर खतरा बताकर रोक दिया।

बिजली संकट से आम जनता परेशान, राजनीतिक प्रतिफल शुरू

चारों तरफ तेज़ गर्मी और बिजली कटौती ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, AAP ने उसे सियासी मुद्दा बना दिया है। पुलिस और कार्यकर्ता भिड़े हैं, मांगें सामने हैं—अब सवाल ये कि क्या सरकार इस लोकविरोधी बिजली संकट को समय रहते हल करेगी?

Related Articles

Back to top button