ब्यूरोक्रेसी वाले बयान पर उमा भारती का यू-टर्न

दिग्विजय सिंह को पत्र लिखकर कहा- दादा, मैं आगे से अपनी भाषा सुधार लूंगी, आप भी ऐसा कर सकें तो कर लें

उमा भारती ने मंगलवार को दिग्विजय को एक पत्र लिखा है।

भाजपा की सीनियर नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी को लेकर दिए विवादित बयान पर यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने कांग्रेस नेता व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि मैं आगे से अपनी भाषा सुधार लूंगी। उन्होंने दिग्विजय को भी ऐसा करने की सलाह देकर कहा है कि आप भी ऐसा कर सकें तो कर लें। विवादित बयान का वीडियो सामने आने के बाद उमा भारती ने अपनी गलती को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर लिया था।

उमा भारती का एक वीडियो दो दिन पहले सामने आया था। वीडियो में उमा भारती ब्यूरोक्रेसी को लेकर विवादास्पद बयान दे रही थीं। उन्होंने कहा था, ‘मुझे पता है कि ब्यूरोक्रेसी हमारी चप्पल उठाती है। यह कौम तो हमारी चप्पलें उठाने वाली होती है। ब्यूरोक्रेसी नेताओं को घुमाती है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। मैं मध्यप्रदेश की CM और केंद्र में मंत्री रही हूं। ब्यूरोक्रेट वही फाइल लेकर आते हैं, जो उन्हें बता दिया जाता है कि इसमें करना क्या है?’

उमा के इस बयान पर दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था- उमा, आप मेरी छोटी बहन के नाते मुझे कम बोलने के लिए चेताती रही हैं, लेकिन आपने नौकरशाहों के खिलाफ जो अपशब्दों का उपयोग किया है, वह घोर आपत्तिजनक हैं। उमा भारती ने इसका सोशल मीडिया पर जवाब नहीं दिया। उन्होंने मंगलवार को दिग्विजय को एक पत्र लिखा।

उमा ने पत्र में लिखा- ब्यूरोक्रेसी पर आपने मेरे दिए गए बयान पर उचित प्रतिक्रिया दी है। मुझे अपनी ही बोली भाषा का गहरा आघात लगा है। मैं आपके पीछे पड़ जाती थी कि दादा, संयत भाषा नहीं बोलते। यह तो बिल्कुल ऐसा हो गया जैसा रामायण की एक चौपाई में लिखा है- कर उपदेश कुशल बहुतेरे, सो आचरही ते नर न घनेरे। यानी, दूसरों को उपदेश देने में बहुत से लोग कुशल होते हैं, लेकिन उस उपदेश का पालन करने वाले बहुत कम लोग होते हैं।

उमा भारती ने यह दी सफाई
उमा भारती ने वीडियो सामने आने के बाद सफाई दी थी। उन्होंने अपनी गलती स्वीकारते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी सच्चे और नेक इरादे वाले नेता का साथ देती है। मेरी भाषा गलत थी, लेकिन मेरे भाव अच्छे थे। उन्होंने कहा कि आज से मैंने सबक सीखा है कि अनौपचारिक बातचीत में भी संयमित भाषा का उपयोग करूंगी।

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