ट्विटर ने नए आईटी नियमों को माना, स्थायी शिकायत अधिकारी भी नियुक्त

नई दिल्ली. माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर इंडिया (Twitter India) ने नए आईटी नियमों (New IT Rules) को मान लिया है. साथ ही कंपनी ने भारत में स्थायी आधार पर अधिकारियों की भी नियुक्ती कर दी है. इस बात की जानकारी शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट में दी गई. बता दें कि सरकार ने 25 मई तक सभी सोशल मीडिया कंपनियों को नए आईटी नियमों का अनुपालन करने को कहा था. शुरुआत में ट्विटर ने नए नियमों को मानने में टालमटोल का रवैया दिखाया था, लेकिन बाद में सरकार के कड़े रुख के बाद ट्विटर ने सारे नए नियमों को मान लिया. हालांकि सरकार ने हाई कोर्ट में कहा है कि उन्हें ट्विटर की तरफ से दिए गए हलफनामे को वेरिफ़ाई करने में थोड़ा वक्त लगेगा.

सोशल मीडिया फर्म द्वारा अपने हलफनामे में कहा गया कि उसने एक स्थायी शिकायत अधिकारी (RGO), मुख्य अनुपालन अधिकारी (CCO) और नोडल संपर्क अधिकारी (NCO) को नियुक्त किया है. ये सारी नियुक्तियां 4 अगस्त को की गई हैं. 28 जुलाई को जस्टिस पल्ली ने सोशल मीडिया फर्म को इस साल फरवरी में अधिसूचित नए आईटी नियमों को पालन करने का एक आखिरी मौका दिया था.

ट्विटर की ओर से वरिष्ठ वकील साजन पुवैया ने कहा कि कंपनी ने नए आईटी नियमों के अनुपालन में चार अगस्त को सीसीओ, आरजीओ और नोडल संपर्क व्यक्ति के पदों के लिए स्थायी अधिकारियों की नियुक्ति की है. साथ उन्होंने ये भी कहा कि अदालत के पहले के आदेश के अनुपालन में एक हलफनामा भी दायर किया है. इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्विटर इंक के एक ‘अस्थायी कर्मी’ को सीसीओ नियुक्त करने पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि मोइक्रोब्लॉगिंग साइट ने नए आईटी नियमों का पालन नहीं किया.

हाईकोर्ट ने दी थी चेतावनी
अदालत ने ट्विटर को न केवल सीसीओ की नियुक्ति से जुड़ी सभी जानकारियां देने को कहा था बल्कि आरजीओ की जानकारी देने के भी निर्देश दिए थे. साथ ही ये भी स्पष्ट करने को कहा था कि एक नोडल संपर्क व्यक्ति अभी तक क्यों नियुक्त नहीं किया गया और कब तक इस पद पर नियुक्ति होगी

नए नियम में क्या है जरूरी?
25 मई से लागू हुए नए दिशानिर्देशों के तहत सोशल मीडिया साइट्स जिनके 50,000 या अधिक यूजर्स हैं उन्हें 24×7 समन्वय के लिए एक नोडल संपर्क व्यक्ति अधिनियम और नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार” एक अनुपालन अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता थी. शिकायत के 24 घंटे के भीतर आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के लिए शिकायतों से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और एक निवासी शिकायत अधिकारी के साथ अनिवार्य है.

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