भाषा विवाद में Trump की एंर्टी; इंटरनेशनल हुआ मामला ! टॉन्ट मारने पर पूरा अफ्रीका हुआ नाराज़

10 जुलाई 2025 को व्हाइट हाउस में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लाइबेरिया के राष्ट्रपति जोसेफ बोकाई की अंग्रेजी की तारीफ की। ट्रंप ने कहा, “आप कितनी अच्छी और सुंदर अंग्रेज़ी बोल रहे हैं। आपने इतनी अच्छी अंग्रेजी कहां से बोलना सीखा?” यह बात सुनकर बैठक में उपस्थित पांचों पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्रों के नेताओं सहित पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में गंभीर असंतोष और भ्रम फैल गया। इस बयान को भाषा पर आधारित नस्लीय भेदभाव और औपनिवेशिक मानसिकता से जोड़कर देखा जा रहा है।
अफ्रीका में गुस्सा: अपमान या प्रशंसा ?
लाइबेरिया समेत कई अफ्रीकी देशों के राजनीतिक और सामाजिक वर्गों ने इस टिप्पणी को “कृपालु और अपमानजनक” बताया।
कांग्रेस फॉर डेमोक्रेटिक चेंज-काउंसिल ऑफ पैट्रियट्स के अध्यक्ष फोडे मासाक्विओ ने कहा कि ट्रंप का रवैया दर्शाता है कि पश्चिम आज भी अफ्रीकी नेताओं को गंभीरता से नहीं लेता। उन्होंने इसे औपनिवेशिक सोच का प्रतीक करार दिया, जिसमें भाषा को शक्ति और वैधता का संकेत माना जाता है। कई नागरिकों और नेताओं ने इस बयान पर नाराज़गी जताई और कहा कि यह प्रशंसा नहीं बल्कि संवेदनशीलता की कमी और सांस्कृतिक अज्ञानता का संकेत है।
अमेरिका-लाइबेरिया के ऐतिहासिक संबंधों का भी दिखा असर
लाइबेरिया और अमेरिका के रिश्ते ऐतिहासिक रूप से काफी गहरे हैं। लाइबेरिया की स्थापना 19वीं शताब्दी में उन मुक्त दासों की मदद से हुई थी जिन्हें अमेरिका से अफ्रीका लाया गया था। लाइबेरिया की राजनीतिक प्रणाली, सड़कें, स्कूल बसें और टैक्सियाँ — सब कुछ काफी हद तक अमेरिकी ढांचे पर आधारित हैं। इतना ही नहीं, अंग्रेजी वहां की आधिकारिक भाषा भी है। ऐसे में ट्रंप की टिप्पणी को कई लोगों ने अनावश्यक और अज्ञानतापूर्ण माना, जिसने लाइबेरियाई नागरिकों को अपमानित और उपेक्षित महसूस कराया।
ट्रंप की व्यक्तिगत शैली या कूटनीतिक चूक?
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह ट्रंप की निजी शैली और अपरंपरागत कूटनीति का हिस्सा हो सकता है।
अफ्रीकन मेथोडिस्ट एपिस्कोपल यूनिवर्सिटी के अनुसंधान निदेशक अब्राहम जूलियन वेन्ना ने कहा कि “ट्रंप की टिप्पणी को कुछ लोग विनम्रता की तरह देख सकते हैं, लेकिन यह उत्तर-औपनिवेशिक संदर्भ में भाषा के हथियार की तरह भी प्रतीत हो सकती है।” वेन्ना ने यह भी जोड़ा कि इस टिप्पणी को जोसेफ बोकाई की संवाद क्षमता और वैश्विक मंच पर प्रभावी उपस्थिति के संकेत के रूप में भी देखा जा सकता है, लेकिन ट्रंप की बातों की प्रस्तुति और संदर्भ ने इसे विवादास्पद बना दिया।