पावर पॉलिटिक्स के केंद्र में आदिवासी

जबलपुर में गोंड राजा शंकरशाह-कुंवर रघुनाथ के बलिदान दिवस पर BJP-कांग्रेस में शक्ति प्रदर्शन; अमित शाह और दिग्विजय कल आएंग

18 सितंबर को बलिदान दिवस पर दोनों ही पार्टियां अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाने को कमर कस ली हैं।

18 सितंबर 1857 को तोप के मुंह पर बांध कर उड़ा दिए गए आदिवासी राजा शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह की शहादत को भले ही इतिहास में वो सम्मान नहीं मिल पाया, जिसके वो हकदार थे, लेकिन 164 वर्ष बाद बीजेपी और कांग्रेस के लिए वह अचानक से पॉलिटिक्स का केंद्र बन चुके हैं। दरअसल, आदिवासियों में पिता-पुत्र की जननायक वाली छवि और श्रद्धा की डोर से दोनों ही राजनीतिक पार्टियां 2023 विधानसभा को लेकर अपने सपनों को नई उड़ान देने में जुटे हैं। 18 सितंबर को बलिदान दिवस पर दोनों ही पार्टियां अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाने को कमर कस ली हैं।

जबलपुर बीजेपी सांसद राकेश सिंह और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जुगलबंदी का भी ये प्रदर्शन है। विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके सांसद राकेश सिंह इस आयोजन के सहारे खुद का राजनीतिक कद भी दिखाने में जुटे हैं। हालांकि, असल नूराकुश्ती बीजेपी और कांग्रेस के बीच दिख रही है।

18 सितंबर को बलिदान दिवस पर गृहमंत्री अमित शाह, शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते सहित कई दिग्गज आ रहे हैं। कांग्रेस ने भी प्रदेश में पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह, कांग्रेस में आदिवासी चेहरे के तौर पर कांतिलाल भूरिया और युवक कांग्रेस की प्रदेश में कमान संभालने वाले उनके बेटे विक्रांत भूरिया को मोर्चे पर उतार दिया है।

पहले आएंगे शाह, फिर दिग्विजय संभालेंगे मैदान
18 सितंबर को दोपहर 12 बजे तक गृहमंत्री अमित शाह बलिदान स्थल पर आदिवासी राजा शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह को पुष्पांजलि देकर निकल जाएंगे। इसके बाद दिग्विजय सिंह व कांतिलाल भूरिया सहित पार्टी विधायक मैदान संभालेंगे। आदिवासी समाज की वर्तमान समस्याएं और जनकल्याण के लिए जरूरी नीतियों के बहाने अपने सीसे में उतारने की कोशिश होगी। जबलपुर के स्थानीय विधायकों के अलावा आदिवासी विधायकों को भी बुलाया गया है।

कांग्रेस के आदिवासी अधिकार यात्रा का जवाब होगा जनजातीय समाज जोड़ा अभियान
प्रदेश में खंडवा लोकसभा सहित तीन विधानसभाओं के उपचुनाव भी हैं। खंडवा लोकसभा में आदिवासी वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। कांग्रेस 2018 में साथ आए आदिवासियों से जुड़े हर मुद्दे पर मुखर है। 6 सितंबर को कांग्रेस ने बड़वानी में टंट्या मामा भील के जन्मस्थल से आदिवासी अधिकार यात्रा निकाल कर यह साबित करने में लगी है कि वर्तमान बीजेपी सरकार में आदिवासी हितों की अनदेखी की जा रही है।

भाजपा इस अधिकार यात्रा का जवाब 18 सितंबर को जबलपुर से देने की तैयारी में जुटी है। जब आदिवासी राजा शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर अमित शाह जनजातीय समाज जोड़ो अभियान का शुभारंभ करेंगे। ये अभियान 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती तक चलेगा।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना आए आमने-सामने।

वीडी बोले- सत्ता के लिए छटपटा रही है कांग्रेस
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के मुताबिक, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सत्ता के लिए छटपटा रहे हैं। 15 महीने आलीराजपुर व बड़वानी नहीं गए। सागर के अंदर दलित की जिंदा जला कर हत्या कर दी गई। छिंदवाड़ा में आदिवासी को मार दिया गया। दतिया में कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने पैरों में गोली मारकर और पत्थर पटक कर अल्पसंख्यक की हत्या कर दी। अब कांग्रेस को शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह याद आ गए।

कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि आदिवासी संगठनों के साथ अरसे से पार्टी शंकर शाह-रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस मनाती आ रही है। पहली बार भाजपा के लोग इसमें शामिल हो रहे हैं। स्वतंत्रता को लेकर उनका कोई इतिहास तो रहा नहीं। अचानक आदिवासियों से प्रेम उमड़ रहा है। उनका इतिहास ही अंग्रेजों से तालमेल बिठाकर काम करने का रहा है।

2023 विधानसभा में जीत की सीढ़ी हैं आदिवासी

राजनीति के गहरे जानकारों की मानें तो सियासत में कुछ भी संयोग से नहीं होता। 2018 के विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच का अंतर 1.50 प्रतिशत का था। आदिवासियों के लिए आरक्षित 48 सीटों में कांग्रेस जयस के साथ मिलकर 32 पर कब्जा करने में सफल रही और यही उसके 15 सालों बाद सत्ता में लौटने की वजह भी बना। 2013 में बीजेपी के खाते में 34 सीटें आई थीं। 16 सीटों के इस अंतर ने उसे बहुमत के आंकड़े से 7 सीट पीछे छोड़ दिया था।

एमपी की राजनीति में महाकौशल का बड़ा फ्रेम

एमपी में वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक 7.26 करोड़ की आबादी में 21% आदिवासी हैं। 1.52 करोड़ की आबादी वाले आदिवासी वोटर प्रदेश के 22 जिलों बुरहानपुर, खंडवा, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, धार, रतलाम, बैतूल, होशंगाबाद, श्योपुर, जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, सिवनी, बालाघाट, शहडोल, उमरिया, सीधी, छिंदवाड़ा व कटनी में आदिवासी वोटर कई सीटों पर प्रभावी भूमिका में हैं। 11 जिले जहां मलावांचल व नर्मदापुरम में आते हैं। वहीं 11 जिले महाकौशल-विंध्य में आते हैं।

लोकसभा की बात करें तो 29 सीटों में शहडोल, मंडला, धार, रतलाम, खरगोन, बैतूल के अलावा बालाघाट, छिंदवाड़ा व खंडवा लोकसभा सीट के परिणामें को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। मालवांचल व नर्मदापुरम में जहां कोल व भील जनजातीय समुदाय है। जहां जयस का प्रभाव अधिक है। वहीं महाकौशल में गोंड आदिवासी जनजाति हैं। गोंड राजा शंकरशाह-कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस में शामिल होकर दोनों ही पार्टियां गोंड आदिवासी को अपने पाले में लाना चाहती हैं।

आदिवासी क्षेत्रों में जयस-कांग्रेस की बढ़त रोकने का मास्टर प्लान
जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) का मालवांचल में तेजी से प्रभाव बढ़ा रहा है, इसलिए बीजेपी इन क्षेत्रों में आदिवासी समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए बड़े आयोजन कर रही है। महाकौशल के शहडोल, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया आदि जिलों में आदिवासी जनसंख्या ज्यादा है।

अकेले मंडला और शहडोल लोकसभा की 15 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर आदिवासी वोटर जीत-हार तय करते हैं। जयस अपना प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने के लिए महाकौशल-विंध्य की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश भर में कुल 79 विधानसभा सीटों पर आदिवासी वोटर जीत-हार तय करने की क्षमता रखते हैं। 116 के बहुमत वाले राज्य में 79 की संख्या काफी मायने रखती है।

गोंड राजा शंकरशाह-रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आदिवासियों का हितैषी होने की होड़।

अमित शाह का ये है कार्यक्रम
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 18 सितंबर को जबलपुर पहुंचेंगे। गैरिसन ग्राउंड में उनकी एक सभा भी तय है। इस दौरान वे आजादी पर केंद्रित प्रदर्शनी का लोकार्पण एवं अवलोकन करेंगे। राजा शंकर शाह- कुंवर रघुनाथ शाह के जीवन पर केंद्रित लघु फिल्म का और आजादी पर केंद्रित ई-एल्बम का लोकार्पण करेंगे। स्व-सहायता समूह पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन, उज्ज्वला योजना-2 के हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद और जबलपुर संसदीय क्षेत्र के बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होंगे।

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