देश की शान के लिए 1952 में पहली बार निकली थी ट्रैक्टर रैली

किसानों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्‍टर रैली निकालने का संकल्‍प लिया है और रूट को लेकर किसानों की दिल्‍ली पुलिस से सहमति बन भी गई है।

ऐसा नहीं है कि ट्रैक्टर रैली पहली बार निकाली जा रही है। आपको बता दें कि इससे पहले 1952 में भी ट्रैक्‍टर रैली निकाली गई थी। उस समय बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत दिल्‍ली के रीगल सिनेमा के सामने वाले मैदान में और लालकिले में हुआ था।

महात्मा गांधी के मनपसंद गीत ‘अबाइड विद मी’ की धुन सेना बैंड ने पहली बार बजाई और तब से हर साल यही धुन बजती है।

इस परेड में ट्रैक्टर भी शामिल हुए थे। ट्रैक्टर झांकी में सफेद कबूतर को दिखाया गया था, जिसका मतलब था कि भारत केवल शांति को पसंद करता है।

हर ट्रैक्‍टर पर होगा तिरंगा, पूर्व सैनिक दे रहे किसानों को ट्रेनिंग : इस बार जो किसानों की तैयारी है, उसके अनुसार जिस तरह की झांकी होगी, उसी तरह उन राज्यों के किसानों की वेष-भूषा भी होगी. किसान संगठनों के झंडों के साथ हर ट्रैक्‍टर पर तिरंगा झंडा भी होगा और देशभक्‍ति गीत भी बजेंगे. 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के लिए कई पूर्व सैनिक किसानों को परेड की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं।

किसानों के अलावा इस परेड में पूर्व सैनिक, मेडल विजेता, खिलाड़ी और महिलाओं के अलावा किसान आंदोलन में शहीद किसानों के परिजनों को भी बुलाने की कोशिश की जा रही है. रैली को समर्थन देने के लिए दिल्‍ली की जनता से भी खुली अपील की गई है. हालांकि इस रैली को देखने के लिए किसी तरह की वीआईपी टिकट की जरूरत नहीं होगी।

1955 में पहली बार राजपथ पर शुरू हुई थी गणतंत्र दिवस की परेड : 26 जनवरी, 1950 को पहली गणतंत्र दिवस परेड राजपथ पर नहीं हुई थी, बल्‍कि इरविन स्टेडियम (आज का नेशनल स्टेडियम) में हुई थी. 1950-1954 के बीच दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह कभी इरविन स्टेडियम, किंग्सवे कैंप, लाल किला तो कभी रामलीला मैदान में हुआ करता था. 1955 में पहली बार राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड शुरू हुई थी।

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