ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देगी राजस्थान सरकार- पर्यटन मंत्री

पुरानी 23 हवाई पट्टियों को किया जाएगा विकसित

जयपुर। आज़ादी के अमृत महोत्सव – अमृत काल में भारत की जी20 अध्यक्षता के अनुरूप भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विज़नरी लीडरशिप में भारत के पर्यटन क्षेत्र को मिशन मोड पर विकसित करने पर काम कर रहा है। इस पर प्रकाश डालते हुए भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सचिव अरविन्द सिंह ने कहा कि देश में पर्यटन को तेज गति देने के लिए पूरे देश में 50 नये पर्यटन गंतव्य स्थल विकसित करने के साथ-साथ 59 नये हवाई मार्ग कार्यान्वित करने का प्लान है।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा फिक्की और राजस्थान सरकार के पर्यटन मंत्रालय के साथ आयोजित जी20 टूरिज्म एक्सपो के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए श्री अरविन्द सिंह ने कहा, “भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान भारत का पर्यटन क्षेत्र एशिया-पैसिफिक में सबसे मजबूती से उबर रहा है। महामारी की चुनौतियों के बावजूद, 2021 के 1.52 मिलियन पर्यटकों की तुलना में 305 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि के साथ 2022 में 6.19 मिलियन विदेशी पर्यटक दर्ज हुए। पर्यटन को और भी बढ़ावा देने के लिए हम हरित पर्यटन को बढ़ावा देने और 50 नये पर्यटन गंतव्य स्थल विकसित करने के साथ-साथ विदेश में प्रचार-प्रसार करने की योजना पर काम कर रहे हैं।“

भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय पहले ही जी20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठकें आयोजित कर चुका है और हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, कौशल विकास, एमएसएमई संवर्धन और गंतव्य स्थल प्रबंधन को बढ़ावा देने पर कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त, समेकित स्तर पर सरकार आधारभूत ढांचे की विकास पर जोर दे रही है।

“रेल, सड़क और हवाई कनेक्टिविटी में वृद्धि के साथ हम पर्यटन ढांचे के चहुँमुखी विकास पर जोर दे रहे हैं। ‘उड़ान’ योजना के अंतर्गत हमने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को 59 नए रूटों की अनुशंसा की थी, जो कि काफी सफल रहा और उनमें 51 रुट अब तक कार्यान्वित हो चुके हैं,” पर्यटन क्षेत्र हेतु लिए गए कदमों रेखांकित करते हुए सिंह ने कहा।

राजस्थान सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार पूरे राजस्थान में फैली हुईं 23 हवाई पट्टियों को पुनर्विकसित करने की योजना पर कार्य कर रही है, जिससे राज्य में पर्यटन को आवश्यक बल मिलेगा।

जी20 टूरिज्म एक्सपो में उद्घाटन भाषण में श्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा, ”हमारी नई ग्रामीण पर्यटन नीति के तहत हम निजी क्षेत्र के सहयोग से 23 हवाई पट्टी को फिर से विकसित करने जा रहे हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों सहित इससे राजस्थान में पर्यटन को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा और रोजगार के अपार अवसर उत्पन्न होंगे।

“राजस्थान ने एक अद्वित्तीय ग्रामीण पर्यटन नीति बनाई है, जिसका कई राज्यों को अनुकरण करना चाहिए। इस नीति से पूरे राज्य में वन्यजीव पर्यटन, सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है,” विश्वेंद्र सिंह ने कहा।

राजस्थान सरकार की पहलों को गिनाते हुए श्रीमती गायत्री राठौड़, प्रधान सचिव – पर्यटन, कला और संस्कृति, राजस्थान सरकार ने कहा, ”राजस्थान भारत में लगभग 75 प्रतिशत विरासती होटलों का घर है, जिनमें से कई को सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से पुनर्निर्मित और पुनर्स्थापित किया गया है, और अब शाही-शादियां और फिल्म की शूटिंग के लिए भी उपयोग किया जा रहा है। हमारे विभाग ने हाल ही में ग्रामीण राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए ग्रामीण पर्यटन योजना तैयार की है।

प्रतिनिधियों (डेलीगेट्स) और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए फिक्की की पर्यटन और संस्कृति समिति के सभापति (चेयरपर्सन) दीपक देवा ने कहा, “दुनिया भर में पर्यटन की वापसी हुई है और भारत आगे बढ़कर नेतृत्व प्रदान कर रहा है। ग्यारह (11) मिलियन एफटीए के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए गति को बनाए रखने के प्रति हम आश्वस्त हैं। भारत की जी20 अध्यक्षता इस दिशा में भारत के प्रयासों को मजबूती प्रदान करेगी।”

इस अवसर पर डॉ. ज्योत्सना सूरी, पूर्व अध्यक्ष, फिक्की और द ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप की सीएमडी ने कहा, “भारत की जी20 प्रेसीडेंसी न केवल बैठकों की मेजबानी करने का एक बेहतरीन अवसर है, बल्कि भारत की व्यंजन, विरासत और पर्यटन स्थलों के ख़ज़ाने की विविध संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एक शानदार मंच भी है। यह पर्यटन उद्योग के लिए खुद को प्रदर्शित करने का भी एक अच्छा अवसर है।”

इंडियन हेरिटेज होटल एसोसिएशन के चेयरमैन और होटल कैसल मंडावा के सीएमडी रणधीर विक्रम सिंह ने कहा, “एक देश के रूप में हमारे पास एक समृद्ध विरासत के साथ साथ पर्यटन के लिए, विशेष रूप से राजस्थान में प्रदर्शन करने के लिए बहुत सारे विरासत स्थल हैं।”

फिक्की के महासचिव शैलेश पाठक ने धन्यवाद ज्ञापन के दौरान कहा, “2030 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। साथ ही एक भविष्यवाणी कि भारत से बहिर्गामी (आउटबाउंड) पर्यटन आज की संख्या का 5 गुना होने जा रहा है, और विदेशी पर्यटकों की आमद मौजूदा स्तर की 10 गुना होने जा रही है। इससे टिकाऊ और स्थायी रोजगार का सृजन होगा।”

जी20 टूरिज्म एक्सपो के उद्घाटन सत्र में भारत में दक्षिण कोरिया गणराज्य के राजदूत महामहिम श्री चांग जाई-बोक सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

भारत के पर्यटन, यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र के दिग्गजों की उपस्थिति के साथ यह आयोजन भारत के यात्रा और पर्यटन उद्योग के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच पर शासन, नीति निर्माण और उद्योग के कुछ प्रमुख नामों का गवाह बनेगा।

जी20 टूरिज्म एक्सपो का आयोजन ‘ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार’ (जीआईटीबी) के 12वें संस्करण के साथ हो रहा है। अंतर्गामी पर्यटन (इनबाउंड टूरिज्म) के लिए भारत की सबसे बड़ी प्रदर्शनियों में से एक जीआईटीबी का आयोजन भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय, राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघ (फिक्की) के साथ संयुक्त रूप से कर रहा है। विशिष्ट जी20 टूरिज्म एक्सपो में पैनल परिचर्चा, राजदूतों का वार्तालाप, सांस्कृतिक संध्या, गोल्फ का खेल आदि कार्यक्रमों का आयोजन होगा।

तीन साल के अंतराल के बाद आयोजित हो रही जीआईटीबी में 11,000 से ज्यादा बिज़नेस (बी2बी) बैठकों का आयोजन होगा, जिनमें जी20 देशों के 150 सहित 56 देशों के 283 टूर ऑपरेटर भारत के छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक, गोवा ओडिशा, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिल नाडु, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के 11 टूरिज्म बोर्डों सहित 290 से ज्यादा भारतीय प्रदर्शकों के साथ बैठकें करेंगे।

इस विशिष्ट पर्यटन आयोजन को राजस्थान हॉटेल एवं रेस्टोरेंट संघ (एचआरएआर), भारतीय विरासती होटल संघ (आईएचएचए) और राजस्थान टूर ऑपरेटर्स संघ (राटो) जैसे अग्रणी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संघों का समर्थन प्राप्त है।

वर्ष 2008 में पहली बार आयोजित हुए जीआईटीबी ने साल-दर-साल मजबूत होकर भारत के अंतर्गामी यात्रा बाजार में एक खास मुकाम स्थापित किया है।

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