किसानों का रेल रोको आंदोलन:अमृतसर में ट्रैक पर बैठे किसान,

मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद में ट्रेनें रोकीं; यूपी में 4 गाड़ियों के रूट बदले

लखीमपुर हिंसा के मामले में संयुक्त किसान मोर्चा का आज (सुबह 10 से शाम 6 बजे तक) देश भर में रेल रोको आंदोलन चल रहा है। मोर्चे का कहना है कि लखीमपुर मामले की निष्पक्ष जांच तब तक नहीं हो सकती, जब तक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त नहीं किया जाता। संगठन के नेताओं की मांग है कि मिश्र को मंत्रिमंडल से हटाने के बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया जाए। मोर्चा ने लखीमपुर मामले को नरसंहार बताया है। अमृतसर में किसान रेलवे ट्रैक पर ही धरना दे रहे हैं।

अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर किसानों के धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं।

किसानों के आंदोलन के चलते दिल्ली से रोहतक, पानीपत, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, कैथल, बहादुरगढ़, अंबाला, जालंधर, लुधियाना, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू, मेरठ, गाजियाबाद, शामली, सहारनपुर, मुरादाबाद समेत कुछ नजदीकी सेक्शंस पर रेल ट्रैफिक पर ज्यादा असर पड़ा है। इन रूट्स पर इससे पहले भी कई बार अलग-अलग जगहों पर किसान रेलवे ट्रैक जाम कर चुके हैं।

अमृतसर में सुबह से ही बड़ी संख्या में किसान रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए थे।

हरियाणा के रेवाड़ी में रेलवे स्टेशन पर बैठे किसान
रेवाड़ी में किसान दिल्ली-जयपुर हाईवे के जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर 10 महीने से धरना दे रहे हैं। आज किसान राजस्थान की सीमा में अजरका रेलवे स्टेशन पर रेवाड़ी-अलवर रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं। किसान रेवाड़ी के रेलवे स्टेशन पर भी विरोध प्रदर्शन करते हुए पहुंचे। वहीं किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए रेवाड़ी स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। 

रेवाड़ी में किसान रेल पटरियों पर जमे हुए हैं और उनका धरना जारी है।

रेवाड़ी रेलवे स्टेशन के अलावा बावल समेत कई स्टेशन पर GRP, RPF और रेवाड़ी पुलिस के जवानों को तैनात है। संयुक्त किसान मोर्चा के रेवाड़ी अध्यक्ष कामरेड राजेंद्र सिंह ने बताया कि सभी कार्यकर्ता सुबह 10 बजे से पहले रेवाड़ी की नई अनाज मंडी में एकत्रित हुए। यहां से प्रदर्शन करते हुए रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, जहां रेवाड़ी-दिल्ली ट्रैक को जाम किया गया।

रोहतक में 5 जगहों पर पटरियों पर बैठे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रोहतक में किसानों ने रेलवे स्टेशन रोहतक, मकड़ौली-जसिया रेलवे फाटक, कलानौर में कॉलेज मोड़ फाटक, लाखनमाजरा स्टेशन और खरावड़ स्टेशन के पास धरना दिया और ट्रेन रोकी। यात्रियों को दिक्कतें न हो, इसके लिए किसानों ने भंडारे की भी व्यवस्था की है।

रोहतक में लाहली स्टेशन पर किसान ट्रैक पर जाकर बैठ गए हैं।

आंदोलन का पश्चिमी UP में ज्यादा असर
इस प्रदर्शन का ज्यादा असर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में देखने को मिल रहा है। किसानों ने मुजफ्फरनगर में रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया है। इससे कई गाड़ियों की रफ्तार थम गई है। गाजियाबाद में भी किसानों ने ट्रेनें रोकी हैं। हालांकि, बुलंदशहर में हरपाल गुट ने रेल रोको आंदोलन निरस्त कर दिया है।

मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर बैठे हुए किसान।

किसानों के आंदोलन के मद्देनजर रेलवे स्टेशन और ट्रैक पर फोर्स की तैनाती की गई है। उत्तर प्रदेश के ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि आंदोलन को देखते हुए 44 कंपनी PAC और 4 कंपनी अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। पश्चिमी UP के 14 संवेदनशील जिलों में सीनियर IPS की तैनाती पहले से चल रही है।

किसानों के रेल रोको आंदोलन के मद्देनजर मुरादाबाद स्टेशन पर तैनात पुलिस फोर्स।

आंदोलन के चलते UP में इन 4 ट्रेनों के रूट बदले

लखनऊ जंक्शन से जाने वाली 05086 लखनऊ-मैलानी विशेष गाड़ी सीतापुर में शार्ट टर्मिनेट होगी।मैलानी से जाने वाली 05085 मैलानी-लखनऊ विशेष गाड़ी सीतापुर से चलाई जाएगी।गोरखपुर से चलने वाली 05009 गोरखपुर-मैलानी विशेष गाड़ी को लखनऊ में शार्ट टर्मिनेट किया गया।मैलानी से छूटने वाली 05010 मैलानी-गोरखपुर विशेष गाड़ी लखनऊ जंक्शन से चलाई जाएगी।

मथुरा में किसान नेताओं को शांति बनाए रखने की समझाइश देते पुलिस अफसर।

UP में ये 4 ट्रेनें रद्द हुईं
बहराइच-नानपारा स्पेशल ट्रेन, नानपारा-बहराइच विशेष गाड़ी, बहराइच-मैलानी विशेष गाड़ी और मैलानी-बहराइच स्पेशल ट्रेन रद्द की दी गई है। 

मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज करेंगे
संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के शहीदों की अस्थियों के साथ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और दूसरे राज्यों में शहीद कलश यात्राएं निकाली जा रही हैं। इस यात्राओं से भारी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि रेल रोको आंदोलन के बाद भी अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज कर दिया जाएगा। इसे लेकर देशभर के किसान नेता मीटिंग करके आगे की रणनीति बनाएंगे।

लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
3 अक्टूबर को लखीमपुर में किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए थे। इसी दौरान एक गाड़ी ने किसानों को कुचल दिया था। इससे 4 किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में किसानों ने एक ड्राइवर समेत चार लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। इस हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया गया है।

लखीमपुर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का विरोध करते समय 4 किसान गाड़ी से कुचल दिए गए थे।

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