आज बजट-2023 में मध्यम वर्ग पर टैक्स का भार हो सकता है कम : गौरव गुप्ता

जोनल टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त सचिव गौरव गुप्ता एडवोकेट बोले, मध्यम वर्ग को बुधवार को आने वाले बजट काफी उम्मीदें

मुरादाबाद, 31 जनवरी । जोनल टैक्स बार एसोसिएशन मुरादाबाद के पूर्व संयुक्त सचिव गौरव गुप्ता एडवोकेट ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी को आम बजट प्रस्तुत करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होगा। हर बार की तरह इस बार भी वेतन भोगी तथा मध्यम वर्ग को बुधवार को पेश होने वाले बजट 2023 से काफी उम्मीदें हैं तथा इस बार पूर्ण आशा है कि सरकार उन्हें कुछ रियायत दे सकती हैं।

गौरव गुप्ता ने आगे कहा कि उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि नए बजट 2023 में मध्यम वर्ग पर टैक्स का भार कम हो सकता है। उन्होंने बताया कि वित्त मंत्री ने भी कहा है कि वह मध्यम वर्ग की परेशानियों को समझती हैं और सरकार उनके लिए जरूर काम करेगी महंगाई के इस दौर में वस्तुओं की कीमत लगातार लगातार बढ़ रही हैं। पर लोगों की आय में बढ़ोतरी मुश्किल से हो रही है।. ऐसे में लोगों की मांग है कि इनकम टैक्स लिमिट में इजाफा किया जाए। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि इनकम पर ढाई लाख की छूट को बढ़ाकर पांच लाख किया जा सकता हैं। वेतन भोगी वर्ग को आयकर में पचास हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिल जाता हैं।

गौरव गुप्ता ने कहा कि बजट 2023 में वेतन भोगी वर्ग स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं।ऐसा होता है तो सरकार पचास हजार रुपये को बढ़ाकर पिचहत्तर हजार रुपये कर सकती है, जिससे वेतन भोगी वर्ग पर इनकम टैक्स का दबाव कम होगा। लोग इनकम टैक्स में बचत के लिए कई जगहों पर निवेश करते हैं। रिटायरमेंट प्लान में निवेश करने से लोगों को पचास हजार रुपये तक की छूट मिलती है। अब ये उम्मीद लगाई जा रही है कि पचास हजार रुपये की लिमिट को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा सकता है। अगर किसी करदाता ने हेल्थ इंश्योरेंस लिया है तो आयकर में साठ वर्ष के कम आयु के करदाता को 80-सी के तहत पच्चीस हजार रुपये तक की छूट मिलती है तथा सीनियर सिटीजन के केस में पचास हजार तक की छूट मिलती है बजट में 80डी के तहत साठ वर्ष से कम आयु के करदाता के लिए पचास हजार रुपये और सीनियर सिटीजन के लिये पिचहत्तर हजार रुपये की छूट हो सकती है। इसके अतिरिक्त साठ वर्ष से कम आयु के करदाता को एफडीआर आदि से ब्याज की आय पर कोई छूट नही मिलती है जिस पर उन्हें पूरा टैक्स देना पड़ता है उम्मीद है। इस बार उन्हें एफडीआर आदि के ब्याज पर छूट मिलेगी तथा वेतन भोगी और मध्यम वर्ग इस बजट से उम्मीद लगाये हुए हैं कि 80-सी के अंतर्गत सरकार बजट में डेढ़ लाख की लिमिट को कम से कम दो लाख अवश्य करेगी।

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