टीएलपी से समझौते पर घिरी सरकार:आतंक से करार, महंगाई पर इमरान के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन

पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के आंकड़े बताते हैं कि महंगाई ने 70 साल के रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं।

पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बेकाबू महंगाई के खिलाफ देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। रावलपिंडी, इस्लामाबाद, कराची, पेशावर, क्वेटा, लरकाना, लाहौर, सुक्कुर, मर्दन, जैकबाबाद और कई अन्य शहरों में लोगों सड़क पर उतर आए और रास्ते जाम कर दिए।

इससे पहले संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने इमरान सरकार को महंगाई और प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन के सामने सरेंडर करने के मुद्दे पर घेरा। सवाल किया कि सवाल किया कि इमरान सरकार ने किस आधार पर आतंकी संगठन के साथ समझौता किया और समझौते को सार्वजनिक करने की मांग की।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सांसद शेरी रहमान ने दैनिक ​​भास्कर से कहा कि इस देश की आवाम को रात के अंधेरे में हुए समझौते को जानने का पूरा हक है। जब कोई व्यक्ति सरकार और नागरिकों के बीच एक गारंटर के रूप में कार्य करता है, तो यह दर्शाता है कि सरकार नैतिकता और लोगों का विश्वास खो चुकी है।

पाकिस्तान में पेट्रोल से महंगी चीनी, दाम 150 रु./किलो
पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के आंकड़े बताते हैं कि महंगाई ने 70 साल के रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। तीन साल में खाद्य पदार्थों की कीमत दो गुनी हो गई है। पेट्रोल 145.82 और डीजल 142 पाकिस्तानी रुपए प्रति लीटर पहुंच गया। चीनी की कीमत 54 रुपए प्रति किलो से 150 रुपए हो गई है।

गैस और बिजली के दाम भी आसमान छू रहे हैं। ट्रेड यूनियन के फैसल चौधरी बताते हैं कि हाल ही में मुद्रास्फीति में वृद्धि ने आम जनता की रीढ़ तोड़ दी है। लोगों के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसा नहीं है। मुद्रास्फीति की यह लहर हाल के वर्षों में सबसे ऊंची है। यह महंगाई सरकार को भारी पड़ सकती है।’

नए सौदे के तहत आम चुनाव लड़ेगा टीएलपी, पाबंदी भी हटाएगी सरकार
इमरान सरकार ने जिस टीएलपी को आतंकी संगठन बताया था। अब नए सौदे के तहत वो अगला आम चुनाव लड़ेगा। साथ ही सरकार समूह पर लगी पाबंदी भी हटाएगी। इसके तहत पंजाब सरकार ने टीएलपी पर से प्रतिबंध हटा लिया है। पंजाब सरकार ने टीएलपी प्रदर्शनकारियों को रोकने में विफल रहने के लिए 30 शीर्ष पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।

इन अफसरों का तबादला कर दिया गया है। इस हिंसक प्रदर्शन में 9 पुलिसकर्मी मारे गए थे। 90 से अधिक जख्मी हुए थे। 12 दिनों तक जनजीवन ठहर गया था। इकोनॉमी को 35 अरब रुपए का नुकसान हुआ था।

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