तिकुनिया कांड: जमानत मिली लेकिन अटकी आशीष मिश्रा की रिहाई, जानें वजह

बेल ऑर्डर को संशोधित करने के लिए आशीष मिश्रा के वकीलों को अर्जी देनी पड़ेगी

लखनऊ. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई है. हालांकि, जेल से रिहाई में अभी वक्त लग सकता है. गुरुवार को जमानत मिलने के बाद भी आशीष मिश्रा का जेल से बाहर आना अभी थोड़ा मुश्किल है. वो इसलिए क्योंकि जमानत आदेश में धारा 302 और 120बी का जिक्र नहीं किया गया है. बताया जा रहा है कि बेल ऑर्डर को संशोधित करने के लिए आशीष मिश्रा के वकीलों को अर्जी देनी पड़ेगी. इस वजह से उनकी रिहाई अगले सप्ताह 14 फरवरी तक ही संभव है.

हाईकोर्ट की ओर से जारी बेल ऑर्डर में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 326 और 427 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 34 और 30 का जिक्र है. इसमें धारा 302 और 120बी का जिक्र नहीं है. धारा 302 हत्या और 120बी आपराधिक साजिश रचने से जुड़ी हुई है. चूंकि बेल ऑर्डर में 302 और 120बी का जिक्र नहीं है, इसलिए आशीष मिश्रा अभी जेल से बाहर आने में थोड़ा वक्त लग सकता है. चूंकि जमानत आदेश में त्रुटिवश हत्या, आपराधिक साजिश की धाराएं नहीं है इसलिए आदेश में संशोधन की अर्जी दाखिल की गई है. सोमवार को इस अर्जी पर सुनवाई होगी. लिहाजा 14 फरवरी से पहले जेल से बाहर आशीष मिश्रा नहीं आ पाएगा. आपको बताते चलें कि लखीमपुर तिकुनिया कांड के आरोपी आशीष मिश्रा को गुरुवार को हाईकोर्ट लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई थी. कोर्ट ने व्यक्तिगत बंधपत्र, दो जमानत पत्र देने पर रिहाई का आदेश दिया था.

आशीष मिश्रा ने दी दलील

न्यायमूर्ति राजीव सिंह की पीठ ने जमानत के लिएकोर्ट की इजाजत के बिनाप्रदेश न छोड़ने की शर्त भी रखी है. कोर्ट ने कहा, अभियोजन की दलीलें मान भी लें तो स्पष्ट है कि घटनास्थल पर हजारों प्रदर्शनकारी थे. ऐसे में संभव है कि ड्राइवर ने बचने के लिए गाड़ी भगाई और यह घटना हो गई. याची ने कहा था कि प्रदर्शनकारियों में कई लोग तलवारें व लाठियां लिए थे. बहस के दौरान कहा गया कि एसआईटी ऐसा कोई साक्ष्य नहीं पेश कर सकी जिससे साबित हो कि गाड़ी चढ़ाने के लिए उकसाया गया. वहीं कोर्ट ने यह भी कहा कि थार जीप में बैठे हुए तीन लोगों की निर्ममता से हत्या को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

3 अक्टूबर को हुई घटना

गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को हुई इस घटना में चार किसानों व एक स्थानीय पत्रकार समेत आठ लोगों की हत्या हुई थी. आशीष मिश्रा व उसके साथियों पर आरोप है कि वह फायरिंग करते हुए किसानों को अपनी गाड़ी से रौंदते हुए निकल गया था. इसमें चार की मौत हो गई और कई गंभीर घायल हो गये. इसके बाद 4 अक्टूबर को तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा समेत कई अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

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