झज्जर में सरकार की कमेटी और किसानों के बीच मीटिंग, नहीं बनी सहमति

टिकरी बॉर्डर खोलने पर मीटिंग बेनतीजा; 14 को फिर बैठक

किसान नेताओं के साथ बैठक करते प्रशासनिक अधिकारी।

किसान आंदोलन के चलते बंद पड़े दिल्ली के बॉर्डर खुलवाने की कोशिश लगातार जारी है। सोमवार को इसी क्रम में झज्जर जिला प्रशासन ने टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान नेताओं के साथ बैठक कर दिल्ली रोहतक नेशनल हाईवे नंबर-9 खुलवाने पर चर्चा की। हालांकि बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका।

अगर दिल्ली पुलिस रास्ता खोलती है तो किसान इसमें सहयोग देंगे। रास्ता खुलवाने पर अंतिम फैसला संयुक्त किसान मोर्चा लेगा। इस बीच किसानों और हरियाणा सरकार की ओर से बनाई गई हाई पावर कमेटी की अगली बैठक 14 अक्टूबर को होगी। ऐसे में साढे 10 महीने से बंद टिकरी बॉर्डर खुलने की उम्मीद बनी हुई है।

लंबे समय से रास्ते बंद, आम लोग और व्यापारी परेशान
लंबे समय से रास्ते बंद होने से उद्योगपतियों और आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर सील कर दिए। मुख्य सड़कों के अलावा कच्चे-पक्के रास्तों को भी पुलिस ने ब्लॉक कर रखा है। इससे उद्योगपतियों को अपना सामान लाने-ले जाने में परेशानी हो रही है। दिल्ली से रोजाना हरियाणा में अप-डाउन करने वाले लोग भी दिक्कत झेल रहे हैं। इसी के चलते उद्योगपतियों ने मानवाधिकार आयोग और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद सरकार ने रास्ते खुलवाने के मुद्दे पर किसानों से बातचीत के लिए हाईपावर कमेटी बना दी। झज्जर और सोनीपत के डीसी इस कमेटी के सदस्य हैं जो रास्ता खुलवाने के लिए बातचीत कर रही है।

बैठक की जानकारी देता किसान बलदेव सिंह।

दिल्ली पुलिस ने रास्ते बंद कर रखे हैंः किसान
प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद किसानों का कहना था कि दिल्ली पुलिस ने रास्ते बंद कर रखे हैं। उनके हाथ में कुछ नहीं है। अगर रास्ते खुलते हैं तो किसान सहयोग करेंगे। बैठक में झज्जर के डीसी श्याम लाल पुनिया और एसपी राजेश दुग्गल मौजूद रहे।

बैठक की जानकारी देता किसान अमरीक सिंह।

मच्छर भगाने के लिए फॉगिंग करवाने और सड़कों के गड्ढे भरने की मांग
बैठक में पहुंचे किसानों ने अधिकारियों को अपनी समस्याएं भी बताई। उन्होंने धरनास्थल पर मच्छर भगाने के लिए फॉगिंग करवाने और सड़कों के गड्ढे भरने की मांग की। किसानों ने धरनास्थल पर मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने की मांग भी की। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत को तैयार नहीं है। लखीमपुर में शहीद किसानों और पत्रकार की आत्मा की शांति के लिए 12 अक्टूबर को देशभर में किसानों के धरनास्थलों पर अरदास दिवस मनाया जाएगा। 15 अक्टूबर को दशहरे पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं के पुतले फूंके जाएंगे। 18 अक्टूबर को देशभर में रेल रोको कार्यक्रम किया जाएगा। 26 अक्टूबर को लखनऊ में किसान महापंचायत की जाएगी।

बैठक की जानकारी देता किसान रमेश कुमार।

किसानों ने फिर कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते और एमएसपी पर नया कानून नहीं बन जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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