किसान आंदोलन : टिकैत के आंसुओं का असर बरकरार, गाजीपुर पर बढ़ रहे हैं किसानों के तंबू 

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के आंसुओं का असर बरकरार है और तमाम पुराने और नए अवरोधकों के बावजूद दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के तंबू लगातार बढ़ रहे हैं। केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर के अंत से जारी किसान आंदोलन की गति गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में ट्रैक्टर परेड में हुई ङ्क्षहसा के बाद थम ही गई थी और ऐसा लगने लगा था कि यह शांतिपूर्ण आंदोलन अपने अंत की ओर बढ़ चला है।

लेकिन आंदोलन का यह हश्र देखकर किसान नेता टिकैत पत्रकारों से बातचीत के दौरान अपने आंसू नहीं रोक सके और रो पड़े, यहां तक कि उन्होंने आंदोलन के लिए अपनी जान तक देने की बात कही दी। उनके आंसू देखने के बाद आंदोलन फिर अपनी राह पर लौट रहा है और तेजी से किसानों की संख्या और उनके तंबू बढ़ रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल होने आए लोग रविवार को अपने नेता के साथ तस्वीरें खिंचवाने के लिए घंटों इंतजार करते रहे। वहीं भाकियू नेता टिकैत अपने समर्थकों और मीडिया से मिलने में व्यस्त रहे।

 

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