टिकैत परिवार ने खुलकर किया सपा-रालोद का समर्थन, नरेश ने कहीी ये बात

नरेश टिकैत ने कहा कि जहां भी गठबंधधन प्रत्याशी हो, उसको जिताओ

लखनऊ: यूपी विधानसभाा चुनाव को लेकर बहुत ही कम समय बचा है। वही गठबंधन का सिलसिला भी लगातार जारी है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 1 फरवरी से मिशन यूपी शुरू किए जाने के ऐलान के बाद भारतीय किसान यूनियन ने यूपी समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन का खुलकर समर्थन शुरू कर दिया है। अराजनैतिक भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने सपा गठबंधन प्रत्याशियों को जिताने की अपील की है। सिसौली में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने गठबंधन के दो प्रत्याशियों को बाकायदा सिंबल पत्र भी दिए। वहीं पर सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने गठबंधन प्रत्याशियों को जिताने की अपील की।

बता दे कि संयुक्त किसान मोर्चा ने अभी तक कोई चुनावी अपील नहीं की है लेकिन भाकियू अध्यक्ष के कदम से राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं। रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने अपने पुराने साथी और दो बार के विधायक रहे राजपाल सिंह बालियान को बुढ़ाना सीट से रालोद का टिकट दिया है। सिंबल मिलने के बाद राजपाल सिसौली पहुंचे।

जहां भी गठबंधधन प्रत्याशी हो, उसको जिताओ

थोड़ी देर बाद ही मीरापुर से गठबंधन प्रत्याशी चंदन सिंह चौहान भी वहां पहुंच गए। दोनों प्रत्याशियों ने नरेश टिकैत से आशीर्वाद लिया और उनके हाथों सिंबल पत्र भी लिया। नरेश टिकैत बालियान खाप के चौधरी भी हैं। इस मौके पर सभा को संबोधित करते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि जहां भी गठबंधधन प्रत्याशी हो, उसको जिताओ। यह चुनाव आपकी प्रतिष्ठा और परीक्षा का है। सभी अच्छी तरह से इस चुनाव को लड़े।

गठबंधन को म्हारे गठबंधन कहकर संबोधित किया

नरेश टिकैत ने गठबंधन को म्हारे गठबंधन कहकर संबोधित किया और कहा कि जहां भी जिसकी बातचीत हो गठबंधन को जिताओ। आप लोगों की परीक्षा की घड़ी है। इस गठबंधन से अलग जो कोई भी जाए उसे बड़े अच्छे तरीके से मनाओ और इस गठबंधन को सफल बनाओ। नरेश टिकैत के भाषण का वीडियो भी वायरल हुआ है। बाद में, नरेश टिकैत ने स्पष्ट कहा कि जो कहना था, कह दिया। मतलब निकाल लो।कृषि कानूनों की वापसी के बाद से किसान संगठन बीजेपी के खिलाफ खुलकर बोलने से बचते रहे हैं। खुद राकेश टिकैत हर दिन मीडिया के सवालों पर चुनाव को लेकर कुछ भी खुलकर बोलने से बचते दिखते हैं। वह कहते हैं कि जनता सब जानती है, किसको वोट देना है किसको नहीं देना है। शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी उन्होंने यह साफ नहीं किया कि मिशन यूपी के तहत वे क्या करने वाले हैं।

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