राकेश टिकैत ने फिर केंद्र के पाले में फेंकी गेंद, बोले वो बातचीत के लिए तैयार नहीं, किसान चलें संसद की ओर

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत नहीं करना चाहती।

इस बार किसान नेताओं का प्लान है कि जब संसद का मानसून सत्र शुरू हो तो वो संसद के बाहर धरना दें जिससे सरकार उनकी मांगों को सुनें और तीनों कृषि कानून को खत्म करे। विरोध दर्ज कराने के लिए रोजाना 200 किसान वहां जाएंगे।

नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का धरना जारी रहेगा। कृषि कानूनों को खत्म किए जाने के मुद्दे पर केंद्र बातचीत को तैयार नहीं है। इस वजह से इस बार जब संसद का मानसून सत्र शुरू होगा तो किसानों का एक दल 22 जुलाई को दिल्ली जाएंगा और वो संसद के बाहर धरना देकर बैठेगा। संसद के बाहर विरोध दर्ज कराने के लिए रोजाना 200 किसान वहां जाएंगे। किसानों से अपील की गई है कि वो 200 की संख्या में संसद तक विरोध दर्ज कराने के लिए तैयारी कर लें।

The farmers protest will continue. Centre is not willing for talks. We will go to Delhi on July 22 and sit outside the Parliament. 200 people will go everyday: Bharatiya Kisan Union (BKU) leader Rakesh Tikait

राकेश टिकैत केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर अपनी बात पर अड़े हुए हैं। वो किसी भी सूरत में धरने को खत्म करने के लिए तैयार नहीं है। उनका कहना है कि सरकार को बिल वापस लेना होगा, एमएसपी के लिए कानून बनाना होगा मगर इसके लिए समय लगेगा। सरकार को धमकी भरे अंदाज में चेताते हुए उन्होंने कहा कि अगर यह सरकार अहंकारी होगी तो सत्ता से इसकी विदाई करनी होगी।

दो दिन पहले उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर एक ट्वीट में कहा कि किसानों को खालिस्तानी बताने वाले यह समझ ले कि रावण की लंका में आग एक वानर ने ही लगाई थी। पूरी सोने की लंका को जलाकर नष्ट और तहस नहस कर दिया था।

इस बार की ठंड में ही होगा इलाज

इसके बाद राकेश टिकैत ने कहा कि हम लोगों ने नवंबर में ही आंदोलन शुरू किया था और इस बार यदि तब तक आंदोलन चला तो पूरा इलाज किया जाएगा। इस बार ठंड शुरू होते ही धरनास्थलों पर फिर से भीड़ हो जाएगी और ठंड में ही सरकार का इलाज किया जाएगा। यूपी में हाल में हुए पंचायत चुनावों का जिक्र करते हुए टिकैत ने कहा कि यहां सरकार की गुंडागर्दी देखने को मिली। प्रत्याशियों को पर्चा ही नहीं भरने दिया गया और उन्हें मार कर भगा दिया गया। विधानसभा चुनाव में इसका बदला लिया जाएगा। अभी से इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है।

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