पीलीभीत में बाघ की दहशत हुयी खत्म, वन कर्मियों ने ट्रैंकुलाइज पिजड़े में किया कैद

यूपी, पीलीभीत में 57 दिनों तक चली एक चार साल के बाघ की दहशत शनिवार को खत्म हो गई। जंगल से निकलकर 29 नंवबर को रिहायशी इलाके में पहुंच बाघ आखिरकार वन कर्मियों ने ट्रैंकुलाइज पिजड़े में कैद कर लिया । इसे दुधवा नेशनल पार्क और जिमकार्बेट व पीलीभीत के चिकित्सकों की टीम ने पहली ही डॉट से ट्रैंकुलाइज कर दिया। अब बाघ को पिंजरे में रख कर उसके होश में आने का इंतजार किया जा रहा है

दरअसल बाघ के होश में आने के बाद उसके व्यवहार का परीक्षण किया जाएगा गुरुवार रात शासन में पीसीसीएफ सुनील पांडेय ने बाघ को पकड़ने के लिए अनुमति दी थी। इसके बाद से टीम ने बाघ को ट्रैंकुलाइज किए जाने की तैयारी शुरू कर दी थी।

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बाघ को माधोटांडा क्षेत्र के गांव ककरौआ के पास गन्ने के खेत में ट्रैंकुलाइज कर दिया गया। पिछले 57 दिनों से बाघ आसपास के दो दर्जन से अधिक गांवों में अपनी दहशत बनाये हुए था। बाघ जिम कार्बेट के डॉ. दुष्यंत की डॉट से ट्रैंकुलाइज हो गया। अब बाघ को पिंजरे में लेकर माला रेंज में ले जाने की तैयारी है ताकि वहां बाघ का व्यवहार देखा जा सके। 165 किलो के इस नर बाघ की उम्र करीब चार वर्ष है।

पिछले दिनों इस बाघ के सामने कुत्ते शेर बन गए थे। यह बाघ काफी सुस्त माना जा रहा था और लगातार क्षेत्र में हलचल मचाए हुए था। यही नहीं जब तक यह बाघ नहर पटरी से लेकर गजरौला और खन्नौत नदी के आसपास देखा जा रहा था।,

 

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