ममता के संघर्ष के वो दिन

बता दें कि ममता के समर्थक, करीबी हों या धुरविरोधी सभी उन्हें दीदी ही कहकर बुलाते हैं. बता दें कि ममता बनर्जी को देश की पहली महिला रेल मंत्री बनने का गौरव प्राप्त है. यही नहीं वे केंद्र सरकार में कोयला, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री, युवा मामलो और खेस के साथ ही महिला व बाल विकास मंत्री भी रह चुकी हैं. बता दें कि ममता बनर्जी के ख्याति उस समय और बढ़ गई जब पश्चिम बंगाल में पिछले 34 सालों से जड़े जमा चुकी वामपंथी पार्टी का सफाया ममता बनर्जी ने साल 2011 में किया था.  पार्टी बदलकर BJP में शामिल होने वाले ज्यादातर उम्मीदवारों को मिली हार, देखें LIST

बता दें कि इस ऐतिहासिक जीत के बाद ममता बनर्जी को खूब प्रसिद्धि मिली साथ ही उन्हें साल 2012 में टाइम मैगजीन ने उन्हें विश्व के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में स्थान दिया था. ममता बनर्जी के बारे में कहा जाता है कि जब उनके पिता की मौत हुई तब वे छोटी थीं. ऐसे में जीवन जीने के लिए दूध बेचना भी पड़ा साथ ही उनके भाई-बहनों के पालन पोषण के लिए अपनी मां का हाथ बटाया जिसमें केवल दूध बेचना ही काम था.

ममता बनर्जी दक्षिण कोलकाता के जोगमाया देवी कॉलेज से इतिहास ऑनर्स की डिग्री की है. इसके बाद ममता बनर्जी ने इस्लामिक इतिहास में मास्टर डिग्री कलकता विश्वविद्यालय से ली. इसके बाद उन्होंने श्रीशिक्षायतन कॉलेस से बीएम की और कोलकाता स्थित जोगेश चंद्र चौघरी कॉलेज से कानून की पढ़ाई की और फिर राजनीति में अपने कदम को इतनी मजबूती से जमाया कि आज पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के कद का किसी भी पार्टी में कोई भी नेता नहीं है.

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