दिल्ली को प्रदूषण से राहत दिलाने वाली यह उम्मीद भी टूटती जा रही है, जानिए क्यों

नोएडा. आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में हो रही तकलीफ से दिल्ली (Delhi) वालों को राहत मिलने की एक उम्मीद बंधी थी. यह उम्मीद किसी सरकार की कोशिशों का नतीजा नहीं थी, बारिश के आसार कुछ ऐसे बने कि लगा अब दिल्ली के ऊपर से कुछ दिन के बाद वायु प्रदूषण (Air Pollution) की काली परत हट जाएगी. लेकिन अब मौसम विज्ञान विभाग (Meteorological Department) की बेवसाइट बता रही हैं कि उत्तर भारत के कई इलाकों में तो बारिश होने की संभावना है, लेकिन उसके बाद बारिश (Rain) की संभावना वाले बादल आगे की ओर बढ़ जाएंगे. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में बारिश की उम्मीद अब कम ही है. जबकि पहले मौसम विज्ञानियों का कहना था कि 18-19 नवंबर तक तो दिल्ली में भी बारिश हो सकती है. लेकिन अब उस तरह के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं.

इन राज्यों में हो सकती है बारिश

मौसम की भविष्यवाणी करने वाली तमाम बेवसाइट यूपी, राजस्थान और कश्मीर में बारिश होने का इशारा कर रही हैं. 17, 18 और 19 नवंबर में कभी भी बारिश हो सकती है. हालांकि यह कोई झमाझम करने वाली बारिश नहीं होगी. लेकिन राहत की बात यह है कि इस बारिश से प्रदूषण में खासी राहत मिलेगी. वायु प्रदूषण की काली मोटी परत छट जाएगी. हवा साफ और स्वच्छ हो जाएगी.

खासतौर से यूपी के आगरा, कानपुर, मेरठ और लखनऊ भी वायु प्रदूषण से खासे प्रभावित हैं. जिसमे आगरा तो वायु प्रदूषण के मामले में देश में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहता है. कभी-कभी पहले नंबर पर भी पहुंच जाता है. राजस्थान के कई शहर भी वायु प्रदूषण की चपेट में रहते हैं.

यूपी-राजस्थान में बरसने के बाद आगे बढ़ जाएंगे बादल

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यूपी-राजस्थान में बादल बरसेंगे तो सही, लेकिन बरसने के बाद वो आगे की ओर बढ़ जाएंगे. जबकि पहले यह उम्मीद बंधी थी कि यूपी-राजस्थान के बाद यही बादल दिल्ली का रुख कर सकते हैं. जिससे कम ही सही, लेकिन बारिश होने से खासतौर पर दिल्ली को खतरनाक हालात में पहुंच चुके वायु प्रदूषण से राहत मिल जाएगी.

दिल्‍ली और आसपास के शहरों में बढ़ सकती है ठंड

मौसम विज्ञानियों का मानना है कि अगर एक-दो दिन में यूपी, राजस्थान और कश्मीर में बारिश होती है तो उसका असर दिल्ली-एनसीआर में भी दिखाई देगा. बेशक उस असर से दिल्ली का वायु प्रदूषण कम न हो, लेकिन ठंड जरूर बढ़ जाएगी. पूरी तरह से लोगों के गर्म कपड़े निकल आएंगे. पंखे-कूलर बंद हो जाएंगे. हीटर का इस्तेमाल बढ़ जाएगा. और अगर कहीं दिल्ली में भी बारिश के छींटे पड़ जाते हैं तो तापमान काफी नीचे चला जाएगा.

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