बंगाल में पटाखों पर लग सकता है पूरी तरह से बैन, जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में आज होगी सुनवाई

पश्चिम बंगाल में काली पूजा, छठ पूजा, दिवाली समेत कई उत्सवों पर पटाखे फोड़ने पर पूरी तरह से रोक लग सकती है। कोलकाता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पटाखों पर पूरी तरह से रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने का फैसला लिया है। राज्य सरकार की ओर से इससे पहले ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी गई थी। ममता सरकार के इस आदेश को चुनौती देते हुए ही अर्जी दाखिल की गई है। मंगलवार को ही बंगाल सरकार ने आदेश जारी किया था कि छठ पूजा और काली पूजा के दौरान दो घंटे तक पटाखे फोड़े जा सकते हैं। इसके अलावा क्रिसमस और नए साल के मौके पर 35 मिनट के लिए छूट का आदेश दिया गया था।

उस आदेश को चुनौती देते हुए ही हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें पटाखों पर कंप्लीट बैन की मांग की गई है। हाल ही में कोलकाता के प्रमुख डॉक्टरों, पर्यावरण एक्सपर्ट, मेडिकल एसोसिएशंस ने सीएम ममता बनर्जी को एक चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाया जाए। इस साल पूरे देश में 4 नवंबर को दिवाली मनाई जानी है। इस दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने पर रोक लगाई है। पश्चिम बंगाल में त्योहारों पर ढील के खिलाफ कोर्ट में अर्जी ऐसे समय में दाखिल की गई है, जब कोरोना के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने भी पश्चिम बंगाल में कोरोना के केसों को लेकर चेतावनी दी है। राज्य में डॉक्टरों की एक एसोसिएशन के महासचिव मानस गुमटा ने कहा, ‘दुर्गा पूजा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। कोलकाता और पूरे प्रदेश में कोरोना के केसों में फिर से इजाफा देखने को मिल रहा है। अब हमें काली पूजा के मौके पर कुछ नियंत्रण रखना चाहिए और पटाखे आदि से बचना चाहिए। इससे फैलने वाले धुंआ और प्रदूषण कोरोना से पीड़ित मरीजों के लिए और ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला होगा।’

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