झांसी के पंचकुइयां मन्दिर में भक्तों का लगा तांता, जानिए क्या है मान्यता

झांसी शहर में पंचकुइयां माता का ऐसा सिद्ध मन्दिर है जहां आस्था और भक्ति के साथ साथ लोग खुद का इलाज़ भी करवाने जाते हैं.झांसी किले के दुर्ग के पास स्थित इस मंदिर का निर्माण सोलहवी शताब्दी में ओरछा के महाराजा वीर सिंह जूदेव ने करवाया था.किले के निर्माण के दौरान ही उन्होंने इस मंदिर का भव्य रूप देकर निर्माण करवा दिया था. इस मंदिर में विशेष रूप से सभी मूर्तियों का मुख दक्षिण दिशा की ओर है. मंदिर के अंदर ही पांच छोटे कुएं हैं.इसी कारण से इस मंदिर का नाम पंचकुइयां मंदिर रखा गया था.स्थानीय लोगों का कहना है इन कुओं का निर्माण वर्ण व्यवस्था के आधार पर किया गया था.
हर बीमारी के इलाज के लिए हैं अलग देवी

इस मंदिर में धार्मिक के साथ ही लोग अपनी बीमारियों का इलाज करवाने भी आते हैं.चेचक के लिए लोग शीतला माता और संकटा माता के दर्शन हेतु आते हैं. इसी तरह बोदरी माता पर खसरा का इलाज सफेद कागज पर पालक चढ़ाकर,मोतीझरा के लिए मोतीझरा की माता पर पालक की भाजी चढ़ाकर पूजा की जाती है.साथ ही खसरे के इलाज के लिए खो खो माता तो वहीं खिलौनी खिलौना माता पर वे लोग पूजा करते हैं जिन्हें बड़ी चेचक निकलने पर दाग हो जाते हैं. खिचली माता पर उन बच्चों के ले जाया जाता है जो बहुत ज्यादा गुस्साते रहते हैं. मंदिर परिसर के मध्य में भैंसासुर कुंड है, इसके अंदर सफेद कागज पर रखकर दही चावल चढ़ाकर एक सप्ताह तक इसके जल को शरीर पर लगाने से बुखार भी खत्म हो जाता है.

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