देश में पुलिसकर्मियों की बहुत है कमी, सबसे बड़े राज्य यूपी में खाली हैं 1 लाख पद

देश में पुलिसकर्मियों के 5 लाख पद खाली, अकेले यूपी में खाली है इतने पद

लखनऊ: देश व वहां रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस पर है,लेकिन पुलिस विभाग में खाली पड़े लाखों पद देश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए चुनौती बढ़ा रहे हैं. गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय  ने मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया कि देश भर के सभी पुलिस स्टेशनों में करीब 5.3 लाख पद खाली पड़े हैं. इतना ही नहीं, आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य यूपी में भी एक लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. नित्यानंद राय ने देश भर के पुलिस थानों में रिक्तियों पर भारतीय जननायगा काची के सांसद डॉ. टी.आर.परिवेंद्र के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया है.

गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अपने जवाब में कहा कि पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) द्वारा संकलित पुलिस संगठनों के आंकड़ों के अनुसार, पुलिस की स्वीकृत संख्या 26,23,225 है. वर्तमान में वास्तविक संख्या 20,91,488 है और 1 जनवरी, 2020 तक 5,31,737 रिक्तियां हैं.

इन खाली जगहों को भरने के लिए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई और इन सभी रिक्त पदों को कब तक भरे जाने की संभावना है पूछे जाने पर उन्होंने जवाब दिया कि “पुलिस” भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य की सूची में आने वाला विषय है. उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से यह राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह अपने-अपने राज्यों में पुलिस बल में रिक्तियों को भरें.

यूपी में 1 लाख से ज्यादा पद खाली

इसके साथ उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्यों में इन खली जगहों को भरने और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पुलिस प्रशासन में अपेक्षित सुधार लाने के लिए एडवायजरी भी जारी की है. उन्होंने आगे बता कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में बीआरपीएंडडी (BRP&D) के अनुसार पुलिस की स्वीकृत और वास्तविक संख्या की सूची में नागालैंड को छोड़कर सभी राज्यों में पुलिसकर्मियों की कमी है. नागालैंड इकलौता ऐसा राज्य हैं जहां स्वीकृत संख्या से 1375 ज्यादा पुलिसकर्मी हैं. यूपी में एक लाख से अधिक खाली स्थान है. पश्चिम बंगाल में 55,294 और बिहार में 47,099 पुलिसकर्मियों के पद खाली हैं.

NRC तैयार करने पर नहीं लिया फैसला

लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह भी बताया कि सरकार ने अभी तक नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटीजन्स (NRIC) तैयार करने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है.

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