पंजाब घटना प्रधान मंत्री का सबसे बड़ा राजनैतिक स्टंट … टिकैत

राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री को लेकर कही ये बात

मुज़फ्फरनगर : पंजाब दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा में हुई सुरक्षा चूक को लेकर जंहा शियासत गरमाई हुई है। पंजाब सरकार जंहा इस मामले में प्रधान मंत्री की सभा मेंभीड़ नहीं होने के कारण बताकर प्रधानमंत्री के वापस लौटने की बात कर रही है। तो वंही किसान नेता राकेश टिकैत ने इस पुरे मामले में इसे प्रधानमंत्री का बड़ा राजनैतिक स्टंट बताते हुए कहा है की इन बातों से यही जाहिर होता है कि यह बहुत बड़ा स्टंट है इस तरह का स्टंट करके जनता से सहानुभूति बटोरने का सस्ता जरिया ढूंढने की कोशिश करी गई है। राकेश टिकैत ने बताय की देखिए इस मामले में जो बीजेपी के लोग हैं जो सरकार के लोग हैं वह यह कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई है। लेकिन पंजाब में जो कांग्रेस की सरकार है वह यह कह रही है कि पंजाब में जो प्रधानमंत्री के सभा थी वहां पर भीड़ नहीं थी इसलिए जानबूझकर भाजपा द्वारा यह स्टंट किया गया है एक तीसरा पक्ष किसानों का भी है जिनका वहां पहले से ही प्रस्तावित प्रदर्शन था कुछ जगह लेकिन उनका रास्ता रोकने का कोई प्रोग्राम नहीं था।

काफिले को रोकने के लिए रास्ते पर बैठे थे लोग

इसका मतलब यह हुआ कि किसी ने बताया होगा कि प्रधानमंत्री जी किस रूट से आ रहे हैं तो लोग रास्ते पर आ बैठे होंगे लेकिन अभी तक यह जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री जी के काफिले को रोकने के लिए लोग रास्ते पर बैठे थे यह इत्तेफाक ही है उसी रास्ते से प्रधानमंत्री जी आ रहे थे जिस रास्ते पर कुछ लोग बैठे हुए थे। हमारा पक्ष तो यह है कि प्रधानमंत्री जी को 120 किलोमीटर का सफर बिना किसी प्रोग्राम के नहीं करना चाहिए था। ऐसे ही प्रधानमंत्री जी पाकिस्तान में बिना प्रोग्राम बनाए बगैर चले गए। प्रधानमंत्री जी जिस रास्ते से निकलते हैं उसका पहले से ही तैयारी कर ली जाती है बहुत सेल अधिकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो और वहां की लोकल पुलिस प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की पूरी तैयारी करती है। लेकिन अचानक पुलिस इस तरह की तैयारी नहीं कर सकती कि अचानक प्रधानमंत्री जी किसी रूप से आएं और पुलिस तैयारी करें। क्योंकि कई दिन पहले प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाती है जिसके बाद तैयारी की जाती है। कई जिलों की फोर्स को प्रधानमंत्री कार्यक्रम और उनकी यात्रा मार्ग पर लगाया जाता है। और यह निर्णय प्रधानमंत्री का स्वम का नहीं होना चाहिए था कि वह किस रास्ते से जा रहे हैं ।

देखें ऐसी स्थिति में आपातकाल व्यवस्था रखनी चाहिए लेकिन वहां कोई इमरजेंसी व्यवस्था नहीं थी यह भी बहुत बड़ी चूक है। जिस राज्य में प्रधानमंत्री आ रहे हैं वहां की सरकार को इस तरह की पूरी व्यवस्था रखनी चाहिए। सरकार यह कह रही है कि सुरक्षा में चूक हुई है और वहां कि पंजाब सरकार का यह कहना है कि प्रधानमंत्री की सभा में कुर्सियां खाली थी। भीड़ नहीं जुट पाई इसलिए प्रधानमंत्री जी वहां नहीं गए।इस मामले दोनों की मिलीभगत है क्योंकि दोनों अपना अपना बचाव कर रहे। प्रधानमंत्री जी को वहां नहीं जाना चाहिए था। क्योंकि वहां पाकिस्तान का बॉर्डर लगता है सुरक्षा के लिहाज से प्रधानमंत्री जी को वहां नहीं जाना चाहिए था। अगर प्रधानमंत्री जी को वहां जाना था तो उन्हें बताना चाहिए था 120 किलोमीटर का सफर सड़क से करने पर वहां का विकास होता है। यह प्रधानमंत्री जी का अपमान तो नहीं है लेकिन कहीं ना कहीं सुरक्षा में चूक जरूर हुई है। इस मामले में गृह मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो पूरी तरह से फैलियर रहा है इसमें बड़ी एजेंसियों से जांच होनी चाहिए। के किसके कहने से प्रधानमंत्री जी वहां गए या फिर जबरदस्ती गए हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा में लगाई गई एसपीजी की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी होती है कि प्रधानमंत्री जी को कहां और कब कैसे जाना है। मैंने टि्वटर पर कहा है कि दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं भारत सरकार सुरक्षा में चूक बता रही है पंजाब सरकार यह कह रही है कि वहां पर जो सभा थी उसमें भीड़ कम थी कुर्सियां खाली थी इसलिए प्रधानमंत्री जी महा नहीं गए। लेकिन आम जनता यही कह रही है कि प्रधानमंत्री जी को वहां नहीं जाना चाहिए था। इस पूरे मामले में पंजाब सरकार की भी जांच होनी चाहिए कि उनके अधिकारी कहां थे और किस से बात कर रहे थे। प्रधानमंत्री जी जब पंजाब आ रहे थे तो उन्होंने क्या इंतजाम सुरक्षा को लेकर किए थे। एक इस तरह की न्यूज़ चल रही है कि बच गए और मौत के मुंह से वापस आ गए हैं। इन बातों से यही जाहिर होता है कि यह बहुत बड़ा स्टंट है । इस तरह का स्टंट करके जनता से सहानुभूति बटोरने का सस्ता जरिया ढूंढने की कोशिश करी गई है

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक

चौधरी राकेश टिकैत (राष्ट्रिय प्रवक्ता (भाकियू ) देखिए इस मामले में जो बीजेपी के लोग हैं जो सरकार के लोग हैं वह यह कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई है। लेकिन पंजाब में जो कांग्रेस की सरकार है वह यह कह रही है कि पंजाब में जो प्रधानमंत्री के सभा थी वहां पर भीड़ नहीं थी इसलिए जानबूझकर भाजपा द्वारा यह स्टंट किया गया है एक तीसरा पक्ष किसानों का भी है जिनका वहां पहले से ही प्रस्तावित प्रदर्शन था कुछ जगह लेकिन उनका रास्ता रोकने का कोई प्रोग्राम नहीं था। इसका मतलब यह हुआ कि किसी ने बताया होगा कि प्रधानमंत्री जी किस रूट से आ रहे हैं तो लोग रास्ते पर आ बैठे होंगे लेकिन अभी तक यह जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री जी के काफिले को रोकने के लिए लोग रास्ते पर बैठे थे यह इत्तेफाक ही है उसी रास्ते से प्रधानमंत्री जी आ रहे थे जिस रास्ते पर कुछ लोग बैठे हुए थे। हमारा पक्ष तो यह है कि प्रधानमंत्री जी को 120 किलोमीटर का सफर बिना किसी प्रोग्राम के नहीं करना चाहिए था। ऐसे ही प्रधानमंत्री जी पाकिस्तान में बिना प्रोग्राम बनाए बगैर चले गए। प्रधानमंत्री जी जिस रास्ते से निकलते हैं उसका पहले से ही तैयारी कर ली जाती है बहुत सेल अधिकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो और वहां की लोकल पुलिस प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की पूरी तैयारी करती है। लेकिन अचानक पुलिस इस तरह की तैयारी नहीं कर सकती कि अचानक प्रधानमंत्री जी किसी रूप से आएं और पुलिस तैयारी करें। क्योंकि कई दिन पहले प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाती है जिसके बाद तैयारी की जाती है। कई जिलों की फोर्स को प्रधानमंत्री कार्यक्रम और उनकी यात्रा मार्ग पर लगाया जाता है। और यह निर्णय प्रधानमंत्री का स्वम का नहीं होना चाहिए था कि वह किस रास्ते से जा रहे हैं ।

सरकार को करनी चाहिए ये व्यवस्था

देखें ऐसी स्थिति में आपातकाल व्यवस्था रखनी चाहिए लेकिन वहां कोई इमरजेंसी व्यवस्था नहीं थी यह भी बहुत बड़ी चूक है। जिस राज्य में प्रधानमंत्री आ रहे हैं वहां की सरकार को इस तरह की पूरी व्यवस्था रखनी चाहिए। सरकार यह कह रही है कि सुरक्षा में चूक हुई है और वहां कि पंजाब सरकार का यह कहना है कि प्रधानमंत्री की सभा में कुर्सियां खाली थी। भीड़ नहीं जुट पाई इसलिए प्रधानमंत्री जी वहां नहीं गए।इस मामले दोनों की मिलीभगत है क्योंकि दोनों अपना अपना बचाव कर रहे। प्रधानमंत्री जी को वहां नहीं जाना चाहिए था। क्योंकि वहां पाकिस्तान का बॉर्डर लगता है सुरक्षा के लिहाज से प्रधानमंत्री जी को वहां नहीं जाना चाहिए था। अगर प्रधानमंत्री जी को वहां जाना था तो उन्हें बताना चाहिए था 120 किलोमीटर का सफर सड़क से करने पर वहां का विकास होता है। यह प्रधानमंत्री जी का अपमान तो नहीं है लेकिन कहीं ना कहीं सुरक्षा में चूक जरूर हुई है। इस मामले में गृह मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो पूरी तरह से फैलियर रहा है इसमें बड़ी एजेंसियों से जांच होनी चाहिए। के किसके कहने से प्रधानमंत्री जी वहां गए या फिर जबरदस्ती गए हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा में लगाई गई एसपीजी की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी होती है कि प्रधानमंत्री जी को कहां और कब कैसे जाना है। मैंने टि्वटर पर कहा है कि दोनों एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं भारत सरकार सुरक्षा में चूक बता रही है पंजाब सरकार यह कह रही है कि वहां पर जो सभा थी उसमें भीड़ कम थी कुर्सियां खाली थी इसलिए प्रधानमंत्री जी महा नहीं गए। लेकिन आम जनता यही कह रही है कि प्रधानमंत्री जी को वहां नहीं जाना चाहिए था। इस पूरे मामले में पंजाब सरकार की भी जांच होनी चाहिए कि उनके अधिकारी कहां थे और किस से बात कर रहे थे। प्रधानमंत्री जी जब पंजाब आ रहे थे तो उन्होंने क्या इंतजाम सुरक्षा को लेकर किए थे। एक इस तरह की न्यूज़ चल रही है कि बच गए और मौत के मुंह से वापस आ गए हैं। इन बातों से यही जाहिर होता है कि यह बहुत बड़ा स्टंट है । इस तरह का स्टंट करके जनता से सहानुभूति बटोरने का सस्ता जरिया ढूंढने की कोशिश करी गई है।

Related Articles

Back to top button