CCTV Video: अस्पताल की महिला रेसप्शनिस्ट को बेरहमी से पीटा, फिर भी लोगों ने कहा – “ठीक किया”, आखिर क्यों ?

महाराष्ट्र के ठाणे ज़िले के एक निजी अस्पताल में हुई मारपीट की घटना ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी। शुरुआत में वायरल हुए वीडियो में एक युवक को अस्पताल की महिला रिसेप्शनिस्ट के साथ मारपीट करते हुए देखा गया था। वीडियो वायरल होते ही युवक की आलोचना शुरू हो गई और पुलिस में भी मामला दर्ज कर लिया गया।
लेकिन अब इस मामले का पूरा CCTV वीडियो सामने आने के बाद कहानी में नया मोड़ आ गया है।
महिला रिसेप्शनिस्ट ने पहले मारा थप्पड़?
पूरा वीडियो सामने आने के बाद अब ये स्पष्ट हुआ है कि विवाद की शुरुआत अस्पताल की महिला रिसेप्शनिस्ट द्वारा एक महिला को थप्पड़ मारने से हुई, जो उस युवक के साथ अस्पताल आई थी। इसी के बाद युवक ने उग्र प्रतिक्रिया दी और रिसेप्शनिस्ट पर हमला कर दिया।
इस नए वीडियो ने सोशल मीडिया पर लोगों की राय को दो हिस्सों में बांट दिया है — कुछ लोग अब युवक की प्रतिक्रिया को “प्रतिक्रिया में हुई गलती” बता रहे हैं, तो वहीं कई लोग अस्पताल स्टाफ से संयम की उम्मीद कर रहे हैं।
पहले ये वीडियो वायरल हुआ, नीचे देखें..
A receptionist girl beaten up by a Guy
in Kalyan MH
pic.twitter.com/ttjy3ZvggR— Ghar Ke Kalesh (@gharkekalesh) July 22, 2025
अब नीचे पूरा वीडियो देखें..
OMG Another video shows that receptionist girl slapped one of the family members first.
— Dr Sudhir Kothari (@sudhirkothari03) July 23, 2025
अस्पतालों में तनावपूर्ण माहौल, क्या बढ़ रही हैं असहिष्णुता की घटनाएं?
इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है: क्या अस्पताल जैसी संवेदनशील जगहों पर कर्मचारियों और मरीजों के बीच संवाद का तरीका बिगड़ता जा रहा है? दोनों ही पक्षों से संयम और पेशेवर रवैये की उम्मीद की जाती है, लेकिन बढ़ती घटनाएं इशारा कर रही हैं कि स्ट्रेस और बदहाल सिस्टम इस तरह की झड़पों की वजह बन रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी बहस जारी: कौन सही, कौन ग़लत?
पूरा वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। कुछ लोग अब कह रहे हैं कि ‘एकतरफा वीडियो’ से राय नहीं बनानी चाहिए, तो वहीं कुछ का मानना है कि चाहे कोई भी परिस्थिति हो, हिंसा किसी भी रूप में जायज़ नहीं ठहराई जा सकती।
जरूरी है संयम और संवाद
इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि पूरी जानकारी सामने आने से पहले निष्कर्ष पर पहुंचना खतरनाक हो सकता है। अस्पताल जैसे संस्थानों में न केवल मेडिकल स्टाफ को संयम बरतने की ज़रूरत है, बल्कि मरीजों और उनके परिजनों को भी संयम और सम्मान का व्यवहार करना चाहिए।