बाबा विश्वनाथ की शरण में ‘तेजप्रताप यादव’, यूपी से किया भावुक पोस्ट.. कहा – “पूरी दुनिया भूल जाऊं लेकिन..”

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व नेता तेज प्रताप यादव को विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के बाद लालू प्रसाद यादव ने छह साल के लिए परिवार और पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने बनारस के बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर एक वीडियो जारी किया, जिसमें वे भावनात्मक रूप से टूटे नज़र आते हैं ।
“पूरी दुनिया भूल जाऊं, भोला याद रहेगा”
विस्थापित तेज प्रताप यादव ने बनारस स्थित बाबा विश्वनाथ धर्मशाला से एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने कहा: “पूरी दुनिया को भुला दूं, लेकिन मेरा भोला (भगवान) मुझे याद रहेगा।”
इस भावनात्मक फोटो में वे आत्मसंकट और आध्यात्मिक संधान की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं।
बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद हो,
माँ गंगा का निर्मल पवित्र घाट हो,
पूरी दुनिया को मैं भूल जाऊं और
बनारस में मेरा भोला मुझे याद हो हर हर महादेव बोलना ही होगा। …#Varanasi pic.twitter.com/Uq5tS32evB— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) June 13, 2025
वीडियो और पोस्ट का वायरल होना
25 मई को तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी पोस्ट डाली, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी 12 साल पुरानी प्रेम कहानी है। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई और बाद में तेज प्रताप ने इसे “हैकिंग का शिकार” बताया।
इसके बाद RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर कहा कि तेज प्रताप का यह कदम पार्टी मूल्यों और नैतिकता के विपरीत है, और उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।
राजनीतिक और पारिवारिक टकराव की एक झलक
तेजप्रताप और तेजस्वी यादव के बीच पहले से ही राजनीतिक दूरी रही है; तेजस्वी ने इस निर्णय का समर्थन किया । तेज प्रताप की पहली पत्नी ऐश्वरा राय ने आरोप लगाए कि उनका विवाह राजनीतिक लाभ के लिए करवाया गया था और लव पोस्ट उन्हें बदनाम करने की कोशिश है।
क्यों बनारस में बाबा विश्वनाथ ?
विचलित तेज प्रताप धर्म और आस्था के मार्ग पर चल पड़े। बाबा विश्वनाथ के पूजा-स्थल पर उनकी उपस्थिति संकेत करती है कि वे शांति और समर्थन ढूंढ़ रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम सार्वजनन पर सशक्त छवि बनाने के साथ-साथ परिवार-पार्टी से अलगाव के बीच उन्हें मानसिक संतुलन देने का भी प्रयास हो सकता है।
क्या विवाद अभी भी खत्म नहीं ? आगे की राह क्या होगी ?
तेज प्रताप ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने माता-पिता को संदेश भेजा और माफी की गुहार लगाई है। लालू प्रसाद का रुख अब भी सख्त दिख रहा है – उन्होंने तेजस्वी और अन्य बच्चों को भी इन निर्देशों के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी है।आगामी बिहार विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में तेज प्रताप की राजनीतिक गतिविधियाँ, उनके पुनर्स्थापन की संभावनाएँ और पार्टी-परिवार के बीच रिश्ता बात चुनावी रणनीतियों को प्रभावित कर सकता है।