अखिलेश यादव का शिक्षक अभियर्थियों से मुलाकात,अपनी सरकार में दिया बदलाव का भरोसा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री  अखिलेश यादव से आज आंदोलनरत अभ्यर्थी शिक्षकों ने भेंट की और उन्हें शिक्षक भर्ती की जारी चयन सूची में अनियमितता की वजह से अन्य पिछड़े वर्ग के लगभग 15 हजार अभ्यर्थियों के चयन प्रक्रिया से बाहर होने के सम्बंध में ज्ञापन सौंपा। शिक्षक अभ्यर्थियों ने बताया कि 22 मई 2021 से अभी तक वे धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, शासन-प्रशासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। अपने हक की आवाज उठाने पर उन पर लाठियां बरसाई गई।
अखिलेश यादव से मिलकर अभ्यर्थी शिक्षकों के नेता सर्वश्री विजय प्रताप, अमरेन्द्र सिंह, मनोज प्रजापति, लोहा सिंह पटेल, राहुल मौर्य आदि ने कहा कि उनका भरोसा अखिलेश जी पर है। इसी भरोसे से वे उनसे मिलने आए हैं। 21 जुलाई को भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जी से बात करने गए तो उन पर लाठियां चलीं। उनकी मांग है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट लागू करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग को प्राप्त संविधान प्रदत्त 27 प्रतिशत आरक्षण देकर नियुक्ति प्रदान की जाए।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  अखिलेश यादव ने शिक्षक अभ्यर्थियों से कहा कि भाजपा सामाजिक न्याय के विरूद्ध षडयंत्र कर रही है। जिनका हक है उनको वंचित किया जा रहा है। भाजपा कभी निष्पक्ष ढंग से काम नहीं कर सकती है। वह किसी को हक और सम्मान नहीं देना चाहती है। वह लोगों को प्रताड़ित करती है।
यादव ने कहा कि अभ्यर्थी शिक्षकों की समस्या के समाधान के बजाय भाजपा सरकार उन्हें डराने-धमकाने का काम कर रही है। उसका यह कृत्य अलोकतांत्रिक और अन्यायपूर्ण है।
इस अवसर पर नेता विरोधी दल विधानसभा  रामगोविन्द चौधरी, राष्ट्रीय सचिव  राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष श नरेश उत्तम पटेल, पूर्व मंत्री  राम आसरे विश्वकर्मा, डाॅ0 राजपाल कश्यप,  लीलावती कुशवाहा, एडवोकेट आईपी सिंह भी उपस्थित थे।

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