शिक्षक पर्व: प्रधानमंत्री ने लॉन्च की निष्ठा, विद्यांजलि समेत 5 योजनाएं, पढ़ें खास बातें

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra  Modi) ने मंगलवार को सांकेतिक भाषा शब्दकोष, टॉकिंग बुक्स, निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और विद्यांजलि पोर्टल जैसी, शिक्षा क्षेत्र में नयी पहलों की शुरुआत की तथा कहा कि यह योजनाएं भविष्य के भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. ‘शिक्षक पर्व’ के पहले सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ‘भविष्य की नीति’ बताया और इसे नये स्तर तक ले जाने के लिए जनभागीदारी का आह्वान किया. उन्होंने भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश (श्रवण बाधितों के लिए ऑडियो और अंतर्निहित पाठ सांकेतिक भाषा वीडियो, ज्ञान के सार्वभौमिक डिजाइन के अनुरूप), बोलने वाली किताबें (टॉकिंग बुक्स, नेत्रहीनों के लिए ऑडियो किताबें), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की स्कूल गुणवत्ता आश्वासन और आकलन रूपरेखा, निपुण भारत के लिए ‘निष्ठा’ शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और विद्यांजलि पोर्टल की शुरुआत की.

यहां पढ़ें प्रधानमंत्री के संबोधन की 10 खास बातें

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज शिक्षक पर्व पर अनेक नई परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है. यह पहल इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि देश अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. आजादी के 100वें वर्ष में भारत कैसा होगा, इसके लिए देश आज नए संकल्प ले रहा है. आज जो योजनाएं शुरु हुई हैं, वह भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगी.’
पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ नीति ही नहीं, बल्कि सहभागिता आधारित है और इसके निर्माण से लेकर इसके क्रियान्वयन के हर स्तर पर देश के शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है.
पीएम ने कहा, ‘अब हमें इस भागीदारी को एक नए स्तर तक लेकर जाना है, हमें इसमें समाज को भी जोड़ना है. जब समाज मिलकर कुछ करता है तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं. और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्षों में जनभागीदारी अब फिर भारत का राष्ट्रीय चरित्र बनता जा रहा है.’
स्वच्छता अभियान, उज्जवला योजना , डिजिटल लेने देन जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले छह-सात वर्षों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के विभिन्न माध्यमों का उपयोग करते हुए भारत की शिक्षा व्यवस्था ने दुनिया को अपनी सामर्थ्य दिखायी है.
पीएम ने कहा, ‘इन मुश्किल परिस्थितियों में हमने जो सीखा है, उन्हें अब आगे बढ़ाने का समय है.’
पीएम ने कार्यक्रम में शामिल छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे समय बाद स्कूल जाना, दोस्तों से मिलना और क्लास में पढ़ाई करने का आनंद ही कुछ और है. साथ ही पीएम ने सभी को सचेत किया कि उत्साह के साथ-साथ उन्हें कोरोना नियमों का पालन भी पूरी कड़ाई से करना है.
पीएम ने कहा कि तेजी से बदलते इस दौर में हमारे शिक्षकों को भी नई व्यवस्थाओं और तकनीकों के बारे में तेजी से सीखना होता है. ‘निष्ठा’ ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के जरिए देश अपने टीचर्स को इन्हीं बदलावों के लिए तैयार कर रहा है.
पीएम ने कहा कि भारत के शिक्षकों में किसी भी ग्लोबल स्टैंडर्ड पर खरा उतरने की क्षमता तो है ही, साथ ही उनके पास अपनी विशेष पूंजी भी है. उनकी ये विशेष पूंजी, ये विशेष ताकत है उनके भीतर के भारतीय संस्कार.

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