तालिबानियों के हाथ आया खुफिया डेटा

अमेरिकी सेना की बायोमेट्रिक डिवाइस तालिबानी कब्जे में, इससे फौज और लोगों की पहचान उजागर हो सकती है

तालिबान ने खुफिया जानकारी से लैस अमेरिकी मिलिट्री की बायोमेट्रिक डिवाइसेस को अपने कब्जे में ले लिया है। इन डिवाइस में अमेरिकी सेना और उन अफगानी नागरिकों की जानकारी है, जिन्होंने युद्ध में अहम भूमिका अदा की थी। ऐसे में तालिबान बेहद आसानी से उन अफगानियों की पहचान कर सकता है, जिन्होंने तालिबान के खिलाफ अमेरिका की मदद की थी।

डिवाइस का नाम हैंडहेल्ड इंट्राएजेंसी आइडेंटिटी डिटेक्शन इक्विपमेंट यानी हाइड (HIIDE) है। जॉइंट स्पेशल ऑपरेशंस कमांड के अधिकारी और तीन पूर्व अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, इसे तालिबान ने पिछले हफ्ते ही कब्जा लिया था। अमेरिका के द इंटरसेंप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इन अधिकारियों को चिंता है कि तालिबान इस संवेदनशील डेटा का इस्तेमाल कर सकता है।

डिवाइसेस में बायोलॉजिकल इंफॉर्मेशन
इन डिवाइसेस में पुतलियों का स्कैन, फिंगरप्रिंट और बायोलॉजिकल इंफॉर्मेशन शामिल है। इस डेटा के इस्तेमाल से बड़े डेटाबेस को एक्सेस किया जा सकता है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि कितना डेटा तालिबान के हाथ लगा है। डिवाइसेस में उन अफगानियों का भी बायोमेट्रिक डाटा है जिन्होंने युद्ध के दौरान अमेरिका की मदद की थी। अब तालिबान ऐसे अफगानियों की पहचान कर उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।

अमेरिकी हथियारों पर भी तालिबान का कब्जा
अमेरिका के नेशन सिक्योरिटी सुपरवाइजर जेक सुलीवन ने मंगलवार को बताया, “हमें यह निश्चित तौर पर नहीं पता कि अमेरिका की तरफ से अफगान सेना को दिए गए डिफेंस मटेरियल का एक-एक आर्टिकल कहां गया, लेकिन यह जरूर पता है कि उसमें से बड़ी मात्रा में हथियार तालिबान के हाथ लगे हैं। और हमें इस बात का अहसास है कि तालिबान हमें वे हथियार वापस नहीं लौटाएगा।”

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