Viral Video: लाइव न्यूज़ पढ़ रही थी TV Anchor, अचानक गिरी इजराइली मिसाइल.. देखें कैसे जान बचाकर भागी

दमिश्क में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें इजरायली हवाई हमले के दौरान एक सीरियाई न्यूज़ एंकर लाइव प्रसारण के बीच डर से कैमरे के सामने से भागती दिखती है। यह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और युद्ध के बीच मीडिया की असुरक्षा को उजागर करता है।

लाइव स्टूडियो पर गिरा मिसाइल, एंकर भागी

यह घटना सीरिया की राजधानी दमिश्क की है, जहां सरकारी टीवी चैनल पर एक एंकर नियमित रूप से खबरें पढ़ रही थी। इसी बीच, अचानक जोरदार धमाके की आवाज़ स्टूडियो में गूंजी, जिससे घबराकर एंकर तुरंत कैमरे के सामने से हट गई और पीछे की ओर भाग गई। यह पूरा दृश्य लाइव कैमरे में रिकॉर्ड हो गया और अब दुनिया भर में वायरल हो चुका है। इस वीडियो को कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने साझा किया है।

इजरायली हमले का लक्ष्य: टीवी भवन और सेना मुख्यालय

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल ने यह हमला सीरियाई राजधानी में स्थित सरकारी टीवी भवन और सैन्य मुख्यालय (Army HQ) को निशाना बनाकर किया। इजरायल का दावा है कि उसने यह कार्रवाई दमिश्क में सक्रिय कुछ “आतंकी संरचनाओं” को खत्म करने के लिए की है, जो कथित तौर पर इजरायली सीमा के पास ड्रूज़ अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की योजना बना रहे थे।

युद्ध के बीच पत्रकारिता की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि युद्ध केवल सैनिकों तक सीमित नहीं है, बल्कि अब पत्रकारों और मीडिया कर्मियों की जान भी गंभीर खतरे में है। लाइव स्टूडियो के भीतर इस प्रकार की घटना का होना दर्शाता है कि युद्ध के दौरान न्यूज़ रूम तक सुरक्षित नहीं रह गए हैं। यह वीडियो उन तमाम पत्रकारों के लिए चेतावनी है जो संघर्ष वाले क्षेत्रों में डटे हुए हैं।

अब तक का नुकसान: 169 की मौत, 200 से अधिक घायल

सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, हालिया हमलों और संघर्षों में अब तक 169 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इजरायली ड्रोन और मिसाइल हमलों ने कई नागरिक इमारतों को भी क्षति पहुंचाई है, जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं।

अमेरिका की प्रतिक्रिया: शांति की कोशिशें जारी

संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की है और सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि, बार-बार हो रहे हमलों और संघर्षों ने किसी भी तरह के युद्धविराम की संभावना को कमजोर कर दिया है। यह स्थिति दर्शाती है कि वैश्विक कूटनीति फिलहाल इजराइल और सीरिया के बीच तनाव को काबू में लाने में असफल रही है।

कैमरे में क़ैद हुआ युद्ध का सच्चा चेहरा

एंकर का डर से कैमरे से भागना सिर्फ एक दृश्य नहीं, बल्कि यह युद्ध की क्रूरता और पत्रकारिता की नाजुक स्थिति को उजागर करता है। दमिश्क में हुआ यह हमला सिर्फ सैन्य नहीं था—यह एक सांस्कृतिक और सूचनात्मक केंद्र पर हमला था। इससे यह सवाल उठता है कि क्या अब पत्रकारिता भी युद्ध का अगला मोर्चा बन चुकी है?

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