फेक न्यूज से एकता और भाईचारा को खतरा, सुप्रीम कोर्ट की फेक न्यूज पर सख्ती का फैसला स्वागत योग्य-मौलाना अरशद मदनी

देश में लॉक डाउन जारी है। लेकिन तबलीगी जमात का मामला सामने आने के बाद कहा जाने के बाद  के बाद कोरोना की संख्या लगातार बढ़ती गई। ऐसे में तबलीगी जमात की हर ओर आलोचना की जा रही है। जिस पर जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि कुछ मीडिया हाउसों द्वारा कोरोना महामारी को लेकर चलाई जा रही फेक खबरों को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट का सख्त नजरिया स्वागत योग्य है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश में जिस तरह से कोरोना की आड़ में कुछ तथाकथित मीडिया संस्थान अपने धार्मिक उन्माद एजेंडे को चला रहे है। उससे राष्ट्रीय एकता और भाईचारे को खतरा होने का डर है। हमने अपनी इसी सोच को माननीय सुप्रीम कोर्ट के सामने रखने की कोशिश की औऱ मुझे खुशी है कि कोर्ट की सख्ती से फेक खबरों पर रोक लगेगी।

मौलाना मदनी ने उन राज्य सरकारों की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह से प्रशासन फेक खबरों को संज्ञान में ले रहा है। वो स्वागत योग्य है। वर्तमान में देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है और आपदा के इस संकट मे धार्मिक उन्माद फैलाना राष्ट्रीय एकता और मानवता के खिलाफ है। मौलाना मदनी ने कहा कि हम सब को एकजुट होकर राष्ट्रीय आपदा की इस संकट घड़ी में एक दूसरे के हौसले को बढ़ाना है जिससे कि हम इस महामारी से उबर सके।

आपको बता दें लगातार तबलीगी जमात के मामलों की खबरों से मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ लोग घृणा से देख रहे हैं। जिस वजह से मौलाना मदनी से सुप्रीम कोर्ट में इस तरह की खबरों पर रो स वजह से मौलाना मदनी से सुप्रीम कोर्ट में इस तरह की खबरों पर रोक लगाने की गुहार लगाई है।

 

 

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