केंद्र सरकार की ‘सोशल मीडिया को सेंसर’ करने की अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से एक दिन पहले बुधवार को  प्रेस सूचना ब्यूरो के तहत बनी फैक्ट चेक यूनिट को अधिसूचित कर दिया। पीआईबी ने भारत सरकार, विभिन्न मंत्रालयों विभागों इत्यादि से संबंधित भ्रामक खबरों के मुद्दों से निपटने लिए फैक्ट चेक यूनिट बनाई गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों में संशोधन करके केंद्र को सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर सरकार के खिलाफ फर्जी खबरों की पहचान करने का अधिकार फैक्ट चेक यूनिट के जरिए मिल गया है।

क्या है मामला?

स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन्स, न्यूज ब्रॉडकास्ट एंड डिजिटल एसोसिएशन द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट में फेक्ट चेक यूनिट के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। इसमें फेक्ट चेक यूनिट के गठन की अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ये असंवैधानिक है और संशोधित नियमों से नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर असर पड़ेगा।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस याचिका पर स्टे लगाने से इंकार कर दिया था। मामले की सुनवाई 21 मार्च को हो रही है।

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